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ई-कॉमर्स क्या है फायदे नुकसान

ई-कॉमर्स क्या है ? – फायदे, नुकसान, प्रकार और इसके लाभ

अगर आपने कई पर ई-कॉमर्स शब्द के बारे में सुना है और आपको इसका मतलब नही पता है तो इस लेख में हम आपको ई-कॉमर्स क्या है, इसके फायदे और नुकसान क्या है इसकी सम्पूर्ण जानकरी देंगे.

आप लोगो में से बहुत से लोगो ने Online Shopping तो की होगी या फिर आपने ऑनलाइन कोई सामान बेचा होगा OLX, Flipkart, Amazon जैसी साइट्स पर| बस यही ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है.

तो चलिए विस्तार से जानते है आखिर ई-कॉमर्स क्या है ? पुरे लेख को शुरू से लास्ट तक पढ़े और अपनी जानकारी को और बढ़ाऐ|

जरुर पढ़े » स्टॉक मार्किट में बॉन्ड क्या होते हैं (पूरी जानकारी हिंदी में)

ई-कॉमर्स क्या है ? – What is E-commerce in Hindi

What is E-commerce in Hindi

ई-कॉमर्स का पूरा नाम Electronic Commerce है|

इंटरनेट के माध्यम से सेवाओं और सामानों की बिक्री और खरीद को ही ई-कॉमर्स कहते है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप से डेटा या धन दो या दो से अधिक पार्टियों के बीच स्थानांतरित होता है। सीधे शब्दों में कहें, यह ऑनलाइन खरीदारी है.

विकिपीडिया की परिभाषा के अनुसार ई-कॉमर्स की परिभाषा है…

“यह एक्सचेंज के मुख्य साधन के रूप में इंटरनेट का उपयोग कर माल और सेवाओं की खरीद और बिक्री के लिए एक प्रणाली है |”

ई-कॉमर्स की शुरुआत कब हुई – History Of E-commerce in Hindi

इसकी शुरुवात 1960 के दशक से शुरू हुई थी|

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1990 के दशक में ऑनलाइन शॉपिंग व्यवसायों का उदय हुआ| यह इतना सुविधाजनक और आसान हो गया है कि कोई भी कुछ क्लिक के साथ, एक लिविंग रूम में बैठे बैठे कुछ भी खरीद सकता है| यह स्मार्टफ़ोन के उभरने के साथ और अधिक विकसित हुआ है.

अब आप इंटरनेट से जुड़े वायरलेस डिवाइस के साथ कहीं भी और कभी भी खरीदारी कर सकते हैं। आप शारीरिक रूप से कहीं भी जाए बिना, लगभग किसी भी उत्पाद या सेवा को ऑनलाइन खोज सकते हैं.

ई-कॉमर्स की हिस्‍ट्री को eBay और Amazon के बिना सोचना असंभव है| जो इलेक्ट्रॉनिक ट्रैन्सैक्शन को शुरू करने वाली पहली इंटरनेट कंपनियों में से थे।

1990-1998 के दशक में eBay और Amazon के उदय से ई-कॉमर्स उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव आया। यूजर्स अब ई-कॉमर्स के माध्‍यम से किसी भी चीज़ को खरीद सकते थे.

ई-कॉमर्स के प्रकार – ई कॉमर्स कितने प्रकार का होता है – Types Of E-commerce in Hindi

1. Business To Consumer (B2C)

इसमे लेनदेन एक बिज़नस और कांसुमेर के बीच होता है। सब से ज्यादा होने वाला ई-कॉमर्स यही होता है | जैसे Flipkart, Amazon आदि| जैसी कम्पनीज से उपभोक्ता सीधे वस्तु खरीदता है.

2. Business To Business (B2B)

इसके नाम के अनुसार, B2B ई-कॉमर्स दो व्यवसायों (Business) के बीच किए गए लेनदेन से संबंधित है। जैसे अगर कोई कंपनी खुद कोई प्रोडक्ट नही बनाती है और किसी दूसरी कंपनी से खरीद कर फिर अपना समान बेचती है तो वो B2B के अंतर्गत आता है.

3. Consumer To Business (C2B )

यह लेनदेन B2C का अपोजिट है | इसमे लेनदेन Consumer और Business के बीच होता है| जैसे एक Consumer वेबसाइट बनाने के लिए ऑनलाइन रिक्वायरर्मन्ट देता हैं, और कोई कंपनी इसके लिए सही कीमत पर वेबसाइट बनाकर देने के लिए ऑफर करती हैं.

4. Consumer To Consumer (C2C)

यह दो Consumers यानी दो उपभोक्ताओं के बीच होता है| इसमे दो उपभोक्ताओं द्वारा आपस में कुछ खरीदा और बेचा जाता है। जैसे eBay, OLX जैसी साइट्स पर होता है, जिसमें एक व्यक्ति किसी उत्पाद या सेवा को दूसरे को बेचता है.

5. Business To Administration (B2A) या (B2G) Business To Government

ई-कॉमर्स के इस प्रकार में कंपनियों और सार्वजनिक प्रशासन या सरकार के बीच ऑनलाइन किए गए सभी लेनदेन शामिल हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें बड़ी मात्रा में और विभिन्न प्रकार की सेवाएं शामिल हैं, खासतौर पर वित्तीय, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार, कानूनी दस्तावेज और रजिस्ट्रार आदि जैसे क्षेत्रों में|

6. Consumer To Administration (C2A) या Consumer To Government (C2G)

इस में उपभोक्ता और प्रशासन (सरकार) के बीच किए गए सभी इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन शामिल हैं|

जैसे कर (टैक्स) का भुगतान करना, स्वास्थ्य सेवाओं का भुगतान, दूरस्थ शिक्षा प्राप्त करना इत्यादि|

ई-कॉमर्स फायदे हिंदी में – Features of E-commerce in Hindi – ई कॉमर्स का महत्व

History Of E-commerce in Hindi

1). अधिक ग्राहक

दुनिया के किसी भी हिस्से से बिक्री और खरीद की जा सकती है| जिससे product की पहुच अधिक से अधिक ग्राहकों तक होती है.

2). कोई फिक्स समय नही

ई-कॉमर्स शेड्यूल पर नहीं चलता है, जबकि एक पारंपरिक स्टोर ढूंढना लगभग असंभव है जो 24/7 खुला है। वेबसाइट पूरे दिन खुली होती हैं और ग्राहक जब भी चाहें खरीद सकते हैं.

3). कम लागत

भौतिक दुकान की आवश्यकता नहीं होने पर दूकान पर होने वाली लागत की बचत हो जाती है| इसके अलावा, जब ई-कॉमर्स उपभोक्ताओं के साथ आपूर्तिकर्ताओं को एक साथ लाता है तो उत्पादन लागत भी नहीं होती है.

4). बड़ा लाभ मार्जिन

लागत में कमी और बाजार विस्तार का मतलब है कि, कम कीमतों के साथ भी, पारंपरिक स्टोर के मुकाबले एक बड़ा लाभ मार्जिन प्राप्त किया जा सकता है| अधिक उत्पाद बेचे जाते हैं और अधिक पैसा बनाया जाता है.

5). स्केलेबिलिटी

इसका मतलब है कि आप एक ही समय में एक या एक हजार लोगों को अपना समान बेच सकते हैं। एक भौतिक दुकान में हमेशा उन ग्राहकों की संख्या की सीमा होती है जिन्हें आप एक ही समय में सहायता कर सकते हैं.

6). सुविधा बढ़ाता है

ग्राहक अपनी सुविधा के अनुसार वस्तुओ की ऑर्डर अपने घर पर बैठ कर दे सकते हैं। और इसकी डिलेवरी उन्‍हे उनके घर पर ही मिल जाती हैं। यह उन लोगों के लिए सबसे अच्छा खरीदारी ऑप्‍शन है जो हमेशा व्यस्त होते हैं.

7). प्रॉडक्‍ट और कीमत की तुलना कर सकते है

खरीदारी करते समय, ग्राहक उस वस्तु की कीमत को कई बेवसाइट पर तुलना कर सकता हैं, जिससे बेहतरीन प्रॉडक्‍ट खरीदने में मदद मिल जाती है| इसके साथ ही वे डिस्‍काउंट और कूपन जैसे अतिरिक्त लाभों का आनंद ले सकते हैं.

8). स्‍टार्ट-अप के लिए आसान फंड

कई लोगों को बिज़नेस करने की इच्छा होती है, लेकिन शॉप लेने के लिए पर्याप्त कैपिटल नहीं होता| फिजिकल स्‍टोर लिज पर काफी महंगे होते है| ई-कॉमर्स, व्यापार को शुरू करने और बढ़ाने के लिए आसान बनाता है.

9). कन्‍जूमर तक पहुंच

ट्रेडिशनल बिज़नेस जैसे की दुकान की पहुंच काफी सीमित होती हैं, जबकी इंटरनेट के माध्‍यम से दुनिया भर के कन्‍जूमर को अपने प्रॉडक्‍ट और सर्विसेस बेच सकते हैं.

10). फ़ास्ट पेमेंट

ऑनलाइन स्टोर पर इलेक्ट्रॉनिक या मोबाइल ट्रांजेक्शन का उपयोग करते हुए पेमेंट फास्‍ट होता हैं.

ई कॉमर्स के नुकसान – ई-कॉमर्स क्या है – Impact Of E-commerce in Hindi

Impact Of E-commerce in Hindi

1). विश्वास की कमी

इन्टरनेट के जरिये कोई भी प्रोडक्ट खरीदते समय विश्वास की कमी होती है| क्यों की भौतिक दूकान की तरह हम अपने प्रोडक्ट को छु नही सकते पास से देख नही सकते है इसलिए ये शंका बनी रहती है की प्रोडक्ट सही है भी या नही|

2). इंटरनेट तक पहुंच की आवश्यकता

प्रोडक्ट खरीदने और बेचने के लिए, आपको इन्टरनेट की आवश्यकता है| आजकल, अधिकांश लोगों के पास इस तरह की पहुंच है, लेकिन बहुत से लोग आज भी इस से वंचित है.

3). तकनीकी समस्याएं

ई-कॉमर्स के जरिये अगर कुछ खरीदना है तो कुछ तकनीकी ज्ञान होना आवश्यक है जैसे आर्डर कैसे बुक करते है, ऑनलाइन पेमेंट कैसे करते है ? जरूरी नही के सब के पास ये तकनीकी ज्ञान हो|

4). प्रोडक्ट प्राप्त करने में समय लगता है

किसी प्रोडक्ट को प्राप्त होने में समय लगता है जब की भौतिक दूकान पर आप तुरंत कोई भी प्रोडक्ट तुरंत प्राप्त कर सकते है| फिर भी नुकसान से ज्यादा फायदे अधिक नजर आते है इसलिए ई-कॉमर्स धीरे–धीरे प्रोग्रेस कर रहा है और इंडिया में भी अब बहुत से लोग इसे इस्तेमाल करके समान खरीदने लगे है.

Top 10 India’s Most Popular E-commerce Websites List in Hindi

वैसे तो बहुत सारी ई-कॉमर्स वेबसाइट है पर यहाँ हम 10 ई-कॉमर्स साइट्स के बारे में बताएंगे जो इस प्रकार है-

  1. Amazon India
  2. Flipkart
  3. Snapdeal
  4. Alibaba
  5. eBay
  6. Jabong
  7. Quikr
  8. Myntra
  9. Homeshop18
  10. Pepperfry

Final words

आज आपने इस लेख में ई-कॉमर्स के बारे में जानकारी ली है|

E-commerce की साइट्स पर कम विश्वास के चलते हमारे भारत देश में बहुत कम लोग ही ऑनलाइन कुछ खरीदना पसंद करते है| लेकिन जैसे जैसे Cashless Shopping को बढावा मिल रहा है लोगो का झुकाव e-commerce की तरफ ज्यादा होने लगा है.

आपको आज काफी कुछ जानकारी e-commerce के बारे में हुई जैसे ई-कॉमर्स क्या है इत्यादि| आपको कैसा लगा ? क्या आपने ऑनलाइन शौपिंग की है ? कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करे.

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7 Comments

  1. Bhaiya ji isme costumers ke Labh aapne Kahi hai but jiska Store ya eccomerce hai use Kai se profit hota hai pls tell me about that

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