Advertisement
क्रिसमस पर निबंध व महत्व

विद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्रों के लिए क्रिसमस पर निबंध – बड़ा दिन की कहानी

विद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्रों के लिए मैंने क्रिसमस पर निबंध लिखा है जिसको आप अपने जिसको आप अपने टीचर को दिखा सकते हो अथवा सुना सकते हो.

सिर्फ स्कूल में पढ़ रहे बच्चे ही नही, ऐसे कई लोग है जिनको क्रिसमस का त्योहार के बारे में नही पता है तो यह लेख मैंने उन सभी लोगो के लिए ही लिखा है जिनको क्रिसमस डे के बारे में नही पता.

क्रिसमस पर निबंध शुरू करने से पहले आपको क्रिसमस की थोड़ी बहुत जानकारी बता देता हूँ की हम क्रिसमस क्यों मनाते है ?

इस दिन मतलब 25 दिसम्बर को ईसा मसीह का जन्म हुआ था| ईसा मसीह को भगवान के सामान माना जाता था| अगर आपको ईसा मसीह के बारे में जानना है तो आप ईसा मसीह का जीवन परिचय पढ़ सकते हो.

वैसे सिर्फ ईसा मसीह ही नही बल्कि क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ का भी बहुत बड़ा हाथ है| अगर आपको सांता क्लॉज़ की कहानी पढ़नी है तो आप नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके सांता क्लॉज़ के बारे में पढ़ सकते हो.

क्रिसमस पर निबंध – Short Essay on Christmas Festival in Hindi

Short Essay on Christmas Festival in Hindi

आप सबको शायद एक बात पता न हो की क्रिसमस को बड़ा दिन के नाम से भी जाना जाता है| आईये जानते है की ऐसा क्यों ?

क्रिसमस को बड़ा दिन क्यों कहते है ? बड़ा दिन पर निबंध

grammarly

बड़ा दिन ईसाईयों का एक पवित्र पर्व है यह पर्व प्रति वर्ष (हर साल) 25 दिसम्बर को मनाया जाता है| इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था उसी ख़ुशी में यह पर्व मनाया जाता है| यह दिन महत्व की दृष्टि से सबसे बड़ा है इसलिए इसको सब बड़ा दिन कहते है.

25 दिसम्बर को क्रिसमस क्यों मनाया जाता है ?

पर्व से पूर्व अर्थात 24 दिसम्बर की प्रातः से ही लोग अपने-अपने घरों को विभिन तरीके से सजाते हैं| 24 दिसम्बर की रात्रि को सभी लोग अपने घरों को प्रकाश से जगमगा देते हैं क्योंकि 24 दिसम्बर को ठीक अर्द्धरात्रि (आधी रात) में ईसा मसीह का जन्म हुआ था.

ईसा मसीह के जन्मदिवस की ख़ुशी में लोग अपने घरों को प्रकाशित कर देते है| ठीक रात्रि 12 बजे गिरजाघरों में प्रार्थना के लिए चल पड़ते है| उसके बाद बड़ा दिन का त्यौहार (क्रिसमस का त्यौहार) शुरू हो जाता है.

रात्रि 1 बजे से 25 दिसम्बर का बड़ा दिन शुरू हो जाता है| रात्रि प्रार्थना सभा में शामिल होकर सभी ईसाई भाई एक दूसरे को क्रिसमस की हार्दिक बधाई देते हुए अपने-अपने घर आते है.

उस दिन घर में धूम-धाम से उत्सव मनाया जाता है| घर में स्वादिष्ट पकवान बनते है और उस पकवान को अपने परिवार व सम्बन्धियों के साथ मिल बैठकर खाते है| दूसरे धर्म के लोग भी ईसाई बन्धुओं को बधाई देते है.

बड़ा दिन मानव मात्र के भाई चारा व प्रेम का दिन है| इस दिन प्रभु यीशू इस धरती पर आये थे| उन्होंने दीन-दु:खियों को गले लगाया, सभी को प्रेम का पाठ पढ़ाया, क्षमा व सहनशीलता की शिक्षा दी इसलिए क्रिसमस का दिन महान है.

सबकी पसंद : क्रिसमस केक बनाने की विधि

कक्षा 7 एवं 8 के छात्रों के लिए 500 शब्दों का क्रिसमस पर निबंध

Jesus Photo and Wallpaper Download

ईसाइयों के लिये क्रिसमस एक बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है हालाँकि इसे दूसरे धर्मों के लोग भी मनाते है| इसे हर साल पूरे विश्व में दूसरे उत्सवों की ही तरह खुशी, हर्ष और जोश के साथ मनाया जाता है। ये हर साल 25 दिसंबर शीत ऋतु के मौसम में आता है.

प्रभु यीशु के जन्मदिवस के अवसर पर क्रिसमस डे को मनाया जाता है। 25 दिसंबर को बेथलेहेम में जोसेफ (पिता) और मैरी (माँ) के यहाँ प्रभु ईशा का जन्म हुआ था.

क्रिसमस यीशु मसीह के जन्म का जश्न है| कुछ लोग क्रिसमस को अलग-अलग मनाते हैं, लेकिन यह सब मसीह के जन्म पर आधारित है.

क्रिसमस 25 दिसंबर को है। यह वह दिन है जब यीशु का जन्म हुआ था| कोई भी वास्तव में यीशु की जन्म तिथि की सटीक तारीख को नहीं जानता है| फिर भी, 137 ईस्वी में, रोम के बिशप ने क्राइस्ट बच्चे के जन्मदिन को एक गंभीर दावत के रूप में मनाया जाने का आदेश दिया|

350 ईस्वी में, जूलियस प्रथम नाम का एक और रोमन बिशप 25 दिसंबर को क्रिसमस (मसीह की मास) के पालन दिवस के रूप में 25 दिसंबर का चयन करता है|

आनंद गीत बहुत ही प्रसिद्ध है, ये क्रिसमस के दिन गया एवं बजाया जाता है| इस दिन पर सभी घर और चर्च की सफाई होती है, सफेद पुताई और ढेर सारे रंग-बिरंगे रोशनीयों, सीनरी, मोमबत्तियाँ, फूल और दूसरी सजावटी चीजों से इनको सजाया जाता है|

सभी एक साथ इस उत्सव में शामिल होते है चाहे वो गरीब हो या अमीर और खूब धमाचौकड़ी के साथ इसको मनाते है|

अपने घरों के बीच में सभी क्रिसमस के पेड़ को सजाते है| वो इसे इलेक्ट्रिक लाईट, उपहारों, गुब्बारों, फूलों, खिलौनों, हरी पत्तियों तथा दूसरे वस्तुओं से सजाते है.

क्रिसमस का पेड़ बेहद सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है| इस अवसर पर सभी लोग अपने दोस्त, परिवार, रिशतेदारों और पड़ोसियों के साथ क्रिसमस के पेड़ के सामने खुशी मनाते है, सभी नृत्य, संगीत, उपहारों को बाँटकर और लजीज़ पकवानों के साथ इस उत्सव में शरीक होते है.

क्रिसमस के पावन अवसर पर ईसाई लोग भगवान से प्रार्थना करते है| प्रभु ईशा के सामने वो अपनी गलतीयों के लिये माफी माँगते है| अपने भगवान ईसा मसीह के गुणगान में लोग पवित्र भजन गाते है, बाद में वो अपने बच्चों और मेहमानों के लिये क्रिसमस के उपहार बाँटते है.

इस दिन पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को क्रिसमस के कार्ड देने की परंपरा है| सभी क्रिसमस भोज के बड़े उत्सव में शामिल होते है और अपने पारिवारिक सदस्यों और मित्रों के साथ खुशबूदार पकवानों का लुफ्त उठाते है|

बच्चे इस दिन का बहुत उत्सुकता से इंतजार करते है क्योंकि उनको ढेर सारे उपहार और चॉकलेट मिलते है| क्रिसमस का उत्सव स्कूल और कॉलेजों में एक दिन पहले 24 दिसंबर को मनाया जाता है, उस दिन बच्चे सांता क्लॉज़ की ड्रेस या टोपी पहनकर स्कूल जाते है.


क्रिसमस पर निबंध का ये लेख अब यही पर समाप्त हो रहा है| मुझे उम्मीद है की आपको लेख पसंद आया होगा.

आपको क्रिसमस पर निबंध पढ़ कर कैसा लगा हमको कमेंट करके जरुर बताये अथवा इस लेख को जितना हो सके उतना इस लेख को सोशल मीडिया पर शेयर करें जिससे और बच्चे भी क्रिसमस के बारे में जान सके.

अन्य लेख ⇓

Similar Posts

6 Comments

  1. Hi, thank you so much for such a great and informative article. I was searching for this info and found it on your website. Keep up the good work.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *