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10 Lines on Diwali in Hindi

दीपावली पर निबंध 10 लाइन हिंदी में

10 Lines on Diwali in Hindi

हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है दीपावली का त्योहार जिसे हम दीपों के पर्व के नाम से भी जानते है। यह त्यौहार मनुष्य को ज्ञान का दीपक जलाकर अपने अंदर ज्ञान के अंधकार को समाप्त करने का संदेश देता है।

दीपावली पर्व आने में अब कुछ ही दिन शेष है, तो इस मौके पर हम यहां आपके समक्ष दीपावली पर 10 लाइनें साझा करने के साथ-साथ इस धार्मिक पर्व से जुड़ी उपयोगी जानकारियां साझा कर रहे हैं। तो आइए इस लेख की शुरुआत करते हैं।

10 Lines on Diwali in Hindi

👉 1. दीपावली के दिन अमावस्या की रात्रि को भगवान श्री राम राक्षस रावण का वध करके अयोध्या वापस लौटे थे।

👉 2. यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए प्रचलित है जो हमें सत्यता पर अडिग रहकर चुनौतियों का सामना करने की सीख देता है।

👉 3. यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है परंतु भारत में गैर हिंदू धर्म के कई वासियों द्वारा भी दीपावली का पर्व मनाया जाता है।

👉 4. दीपावली दीपों का एक पर्व है जो मन की अज्ञानता को दूर कर मनुष्य को ज्ञान का दीपक जलाने के लिए प्रेरित करता है।

👉 5. दीपावली के पर्व में महालक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है इस दिन देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने घर में सुख समृद्धि आती है।

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👉 6. इस पर्व पर घरों में शानदार रंगोली बनाई जाती है और सोशल मीडिया पर सांझा की गई अनेक शानदार रंगोलियां देखने को मिलती हैं।

👉 7. अमावस्या के अंधकार में रात्रि के समय घरों को रोशन करने हेतु दीपावली के पर्व में दीपो की जगमगाहट से तथा रंग बिरंगी लाइटों से घरों को सजाया जाता है।

👉 8. दीपावली के पर्व में लक्ष्मी पूजा मुख्य दिन माना जाता है। इस दिन घरों में स्वादिष्ट पकवान, व्यंजन खाने को मिलते है। वही घर के बाहर हर जगह पटाखों की गूंज दिखाई देती है।

👉 9. सिक्खों, द्वारा दीपावली के इस पर्व को उनके छटे गुरु हरगोबिन्द की याद में मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन उन्हें जेल से रिहा किया गया था।

👉 10. दीपावली का यह पर्व समाज में भाईचारा कायम कर, सद्भावना के साथ जीवन जीने के संदेश देता है।

Importance of Diwali in Hindi

दीपावली पर्व जिसे आमतौर पर दीवाली भी कहा जाता है, एक ऐसा पर्व जिसका इंतजार वर्ष भर से बच्चों एवं सभी वर्ग के लोगों द्वारा किया जाता है। दीपों के इस पर्व को भारत समेत अन्य पड़ोसी देशों नेपाल, तथा रावण की जन्मभूमि श्रीलंका में भी मनाया जाता है। इसके साथ ही मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर जैसे देशों के विभिन्न भागों में इस पर्व पर राष्ट्रीय अवकाश होता है तथा इस पर्व की धूमधाम देखी जाती है।

भगवान राम द्वारा रावण पर प्राप्त की गई विजय को बुराई पर सच्चाई की जीत के तौर पर देखा जाता है। अतः दीपावली के आने से 20 दिन पूर्व देशवासियों द्वारा दशहरा पर्व मनाया जाता है जिसे हम विजयादशमी भी कहते हैं।

वैसे तो पूरे वर्ष में श्रद्धालुओं के मन में भगवान राम के प्रति आस्था कभी कम नहीं होती। लेकिन इस पर्व के आते ही जो लोग परिवार से दूर है वे इस त्यौहार पर अपने घर आकर इस पर्व को अपने परिवार के साथ मनाने के लिए बेहद उत्सुक रहते हैं। युगों युगों से दीपावली पर्व के मायने सभी के लिए बेहद खास है। इस पर्व के आते ही घरों में साफ-सफाई सजावट देखने को मिलती है। 5 दिनों के इस पर्व को मनाने की जश्न में लोग डूब जाते है, रात्रि के समय दीपावली पर्व में हर जगह जगमगाती लाइटों को देखने का अनुभव बेहद खास होता है।

दीपावली का पर्व हमें भगवान श्री राम के आदर्श जीवन से भी प्रेरित कराता है। वे एक वीर महापुरुष थे उन्होंने अपने जीवन में अनेक कठिन परेशानियो झेली, परंतु वे अपने सिद्धांतों कर्तव्यों, मर्यादा को कभी नहीं भूले इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा गया।।

दीपावली का यह पर्व हमें यह सामाजिक संदेश भी देता है कि हमेशा बुराई पर अच्छाई की ही विजय होती है। इसलिए हमें यह पर्व सत्यता पर हमेशा अडिग रहने और जीवन में आने वाली कठिनाइयों से धैर्य और विश्वास के साथ जीतने की सीख देता है।

How to Celebrate DIWALI 2020 During Covid 19 in Hindi

दीपावली का पर्व आते ही भारत वर्ष में इस पर्व की धूम धूम हर जगह देखने को मिलती है। 6 दिशाओं में विभाजित भारत के विभिन्न राज्यों में इस पर्व को अलग-अलग अंदाज से मनाया जाता है। लेकिन एक बात जो सभी जगह देखने को वह मिलती है। 5 दिनों तक मनाए जाने वाले इस पर्व के आते ही घर / मोहल्ले में साफ सफाई करना, घर को रंगोली लाइटिंग से डेकोरेट करना तथा नए-नए वस्त्र बर्तन इत्यादि अन्य सामान खरीदा जाता है। इस अवसर पर अच्छे-अच्छे पकवान बनाए जाते है और पटाखे छोड़ना इस त्यौहार की शान माने जाते हैं। बस फर्क होता है वस्त्रों का, व्यंजनों का एवं भाषा का।

सभी भारतीयों के दिलों में दीपावली के मायने बेहद खास है। दीपावली का यह पर्व एक दूसरे के बीच मन के मनमुटाव को दूर कर आपस में गले लगने और खुशियां बांटने का पर्व होता है। दीपावली की शाम पूजा अर्चना के बाद खील, बताशे, मिठाईयों को घर में भगवान के प्रसाद के रूप में बांटा जाता है और एक दूसरे को दीपावली पर्व की बधाइयां दी जाती है। इस तरह बेहद हर्ष उल्लास के साथ मनाए जाने वाले इस पर्व में रात्रि के समय में पटाखों की आवाज हर जगह गूंज उठती है।

दीपावली के पांच दिन कौन कौन से होते है?

दशहरे के 20 दिन बाद दीपावली का पर्व मनाया जाता है। दीपावली के इस पर्व में मनाए जाने वाले पांच दिनों के नाम एवं उनकी महत्वता निम्नलिखित है।

पहला दिन धनतेरस

धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। यह दीपावली का प्रथम दिन होता है दीपावली के इस पहले दिन घर में एवं आसपास साफ-सफाई की जाती है, रंगोली बनाई जाती है तथा इस अवसर पर खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। अतः बड़ी संख्या में लोग इस दिन सोना चांदी जैसे वस्तुओं को खरीदते हैं। इसके साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, वाहन खरीदना भी इस अवसर पर लाभदायक माना जाता है।

दूसरा दिन नरक चतुर्दशी

नरक चतुर्दशी को नरक पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इसे देशभर में “छोटी दीपावली” के तौर पर भी मनाया जाता है। इस दिन शास्त्रों में भगवान कृष्ण, हनुमान जी एवं यमराज की पूजा का विधान है। इस दिन श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर का वध किया था इसलिए इसे चतुर्दशी कहा जाता है। मान्यता है इस दिन भगवान कि जो भक्त सच्चे मन से आराधना करते है उन्हें नर्क में मिलने वाली यातनाएं से मुक्ति मिलती है।

तीसरा दिन लक्ष्मी पूजा

तीसरा दिन लक्ष्मी पूजा का होता है। इस वर्ष अर्थात 2020 में 14 नवंबर को लक्ष्मी पूजा है। घर में धन-धान्य सुख-समृद्धि पाने हेतु इस दिन भक्त गणों द्वारा मां लक्ष्मी एवं भगवान श्री गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है पूरे विधि विधान से जो भक्त मां लक्ष्मी का पूजन करता है उसके घर साल भर मां लक्ष्मी विराजमान रहती हैं।

चौथे दिन गोवर्धन पूजा

दीपावली के अगले दिन सुबह के समय देशभर में गोवर्धन पूजा की जाती है। इस दिन गायों की पूजा करने की परंपरा है। शास्त्रों में गाय को मां का स्थान दिया गया है। इसलिए युगो युगो से हिंदू धर्म में गाय को माता मानकर गाय की पूजा की जाती है, मान्यता है गाय मां लक्ष्मी का स्वरूप है। अपने बाल्यकाल में भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन इंद्र का घमंड चूर चूर कर गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली में उठाया था और गौ माता का पूजन किया था इसलिए तभी से गोवर्धन पूजा के दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बना कर उनकी पूजा की जाती है।

पांचवा दिन भाई दूज

दीपावली के ठीक 2 दिन बाद दीपावली का अंतिम दिन भाई दूज का होता है। इसे यम द्वितीया का दिन भी कहा जाता है। भाई दूज का यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाता है। इस दिन बहनें भगवान से अपने भाई की लंबी उम्र एवं उनकी खुशहाल जीवन की कामना करती हैं।

क्या दीपावली मुस्लिमों द्वारा मनाया जाता है?

हां, इस पर्व को न सिर्फ हिंदू बल्कि भारतीय मुस्लिमों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भारत एक सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण देश है जहां पर कई ऐसे त्योहार है जिन्हें किसी धार्मिक त्योहार को विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा भी हर्षोल्लास, सद्भावना के साथ मनाया जाता है।

सन् 2020 में दीपावली कब है?

13 नवंबर के दिन धनतेरस से दीपावली पर्व की शुरुआत हो रही है और 14 नवंबर को दीपावली है। बता दें इस वर्ष 2020 में 5 दिनों का होने वाला यह पर्व 4 चार दिन का होगा। ज्योति राज आचार्य मनीष व्यास के अनुसार सूर्यास्त के पश्चात जिस दिन एक घड़ी अधिक तक अमावस्या रहती है उसी दिन दीपावली का पर्व मनाना सर्वश्रेष्ठ है।

इस साल छोटी दीपावली (नरक चतुर्दशी का दिन है) और बड़ी दीपावली एक ही दिन मनाई जाएगी। अन्य सालों की अपेक्षा इस वर्ष दीपावली का यह पर्व 5 नहीं बल्कि 4 दिनों का होगा।

भारत के अलावा किन किन देशों में दीपावली मनाई जाती है?

भारत ही नहीं बल्कि दीपावली का यह पर्व दुनिया के अनेक देशों में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही कई देशों में तो भारत की तरह इस मौके पर सरकारी छुट्टियां भी नागरिकों को दी जाती है।

सिंगापुर

बड़ी संख्या में हिंदू वासी सिंगापुर में पाए जाते है और यह लोग दीपावली पर्व के मौके पर पारंपरिक वस्त्र पहन कर विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं। इस त्योहार के मौके पर इस देश में राष्ट्रीय अवकाश भी होता है, अतः यह पर्व सिंगापुर में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है।

मलेशिया

मलेशिया वैसे तो एक इस्लामिक राष्ट्र के तौर पर जानी जाती है लेकिन हिंदू समुदाय के लोग भी यहां निवास करते हैं। अतः सिंगापुर के समान ही यहां पर भी दिवाली पर्व आने पर नागरिकों को सरकारी छुट्टी दे दी जाती है। साथ ही मलेशिया के बाजारों में भी इस पर्व के मौके पर चहल-पहल देखने को मिलती है। कई भारतीय रेस्टोरेंट्स इस मौके पर कई प्रकार की मैन्यू उपलब्ध कराते है।

फिजी

मोमबत्तियां जलाकर बड़े हर्षोल्लास के साथ इस देश में भी दिवाली मनाई जाती है। फिजी नामक इस देश में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते है अतः दीपावली पर्व पर यहां राष्ट्रीय अवकाश होता है और लोग दीपावली का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

श्रीलंका

वैसे तो अधिकांश लोग श्रीलंका में बौद्ध धर्म को मानते है परंतु आज भी लगभग 13 फीसदी हिंदू श्रीलंका में निवास करते हैं। अतः दीपावली पर्व को मनाने के लिए श्रीलंकाई सरकार दीपावली के दिन राष्ट्रीय अवकाश देश में घोषित करती है।

अमेरिका

अगर आप अमेरिका चले जाएं तो आपके शहर में आपको कोई ना कोई हिंदू मिल जाएगा। क्योंकि बड़ी संख्या में एशिया से लोग अमेरिका एक अप्रवासी के तौर पर जाते है और उनमें से अनेक लोग आज अमेरिका में ही बस चुके हैं। तो अमेरिका में निवास कर रहे इन्हीं भारतीयों द्वारा दीपावली का पर्व मनाया जाता है। कुछ शहरों में तो इस मौके पर परेड भी आयोजित की जाती है।

मॉरिशस

उपरोक्त देशों के अलावा दीपावली पर्व मनाने वाले देशों में मॉरीशस भी शामिल है। यहां पर भी हिंदू समुदाय के लोग निवास करते है तो दीपावली के पर्व में राष्ट्रीय अवकाश यहां पर होता है। इस पर्व में हिंदू समुदाय के साथ-साथ गैर हिंदू वासी भी इस पर्व का जश्न मनाने के लिए यहां उपस्थित होते हैं।

तो साथियों आज की यह पोस्ट बस यहीं पर समाप्त होती है। हमें आशा है आज दीपावली पर्व से जुड़ी काफी उपयोगी जानकारियां हासिल की होंगी। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई तो इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर कर अन्य लोगों तक भी जरूर पहुंचाएं।

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