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26 Jan Kyu Manaya Jata Hai

26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

इस लेख में आपको कुछ ऐसी बातें पढ़ने को मिलेगी जो आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी। यहां आपको 26 जनवरी क्यों मनाई जाती है इसके बारे में जानकारी मिलेगी। अक्सर काफी सारे लोगों के मन में एक प्रश्न जरूर आता है कि 26 Jan Kyu Manaya Jata Hai तो बस उसी प्रश्न का उत्तर देने के लिए मैंने यह लेख लिखा है। दोस्तों, वैसे तो भारत देश की हर चीज महान है पर आज मैं आपको बताऊंगा 6 ऐसी बातें जो इस महान राष्ट्रीय पर्व अर्थात 26 जनवरी को खास बनाती है। आइये जानते है इस ऐतिहासिक राष्ट्रीय पर्व की कुछ दिलचस्प खास बातें।

26 Jan Kyu Manaya Jata Hai

26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत का संविधान एक लिखित संविधान है। इस दिन भारत के राष्ट्रपति लाल किले (red fort) पर झंडा फहराते है। इस दिन के मौके पर अशोक चक्र और किरती चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान भी लोगों को दिए जाते है। इस दिन भारतीय सेना अपना शक्ति प्रदर्शन परेड के रूप में दिखाती है।

Why do we celebrate Republic Day in Hindi

26 January Hindi Speech
26 January Hindi Speech

10 Lines on Gantantra Diwas in Hindi

  1. पहली बात (समय): भारतीय संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।
  2. दूसरी बात (डॉ. राजेंद्र प्रसाद): 26 जनवरी 1950 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार होल में भारत के पहले राष्ट्रपति की शपत ली थी।
  3. तीसरी बात (मुख्य अतिथि): भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति Sukarno थे।
  4. चोथी बात (1955 से गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर): 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर होने लग गया और यहाँ सेना परेड करने लगी।
  5. पांचवी बात (21 तोपों की सलामी): राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है. उसके बाद राष्ट्रीय गान गया जाता है. इसके साथ ही 21 तोपों की सलामी भी इस दिन दी जाती है।
  6. छठी बात (सबसे बड़ा लिखित सविधान)संविधान में लगभग 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां है और यह सभी 22 भागों में विभाजित है. पर जब सविधान बना था तब इसमें 395 अनुच्छेद थे जो 22 भागों में विभाजित थे और इसमें केवल 8 ही अनुसुचियां थी।

यह थी भारतीय संविधान से जुड़ी कुछ बातें जो यह साबित करती है कि भारतीय संविधान ही नहीं भारत भी कितना महान है। हमें भारतीय होने पर गर्व है। जय हिन्द॥


भारतीय गणतंत्र दिवस 2022 का इतिहास

कोविड-19 महामारी के चलते देश में अभी भी हालात सामान्य नहीं है और 26 जनवरी को आने में अधिक समय नहीं है तो ऐसे में कई सारे लोगों के मन में यह प्रश्न है कि क्या 2021 में गणतंत्र दिवस की परेड होगी? तो फिलहाल वर्तमान हालातों को देखते हुए जो जानकारियां सामने आ रही हैं। उसके आधार पर कहा जाए तो जी हां, बिलकुल 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर परेड होगी।।

जानकारियों के मुताबिक गणतंत्र दिवस की परेड की भव्यता में कोई खास कटौती नहीं होगी। अर्थात इस साल 2022 में परेड को टालने की कोई योजना नहीं है। लेकिन हां कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए जरूर सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखा जाएगा।

माना जा रहा है हर साल की तरह राजपथ पर परेड तो देखने को मिलेगी। परंतु हर साल की तरह लोगों की भीड़ नजर नहीं आएगी। जहां हर साल आम लोग तथा वीआईपी बड़ी संख्या में इस राष्ट्रीय पर्व की धूम धाम को देखने के लिए उपस्थित होते हैं वहीं इस बार 25,000 तक की संख्या देखने को मिल सकती है। इसके अलावा खबर आ रही है कि इस बार परेड में स्कूली बच्चे शायद न देखने को मिले, इसके साथ साथ कहा जा रहा है कि जरूरत पड़ी तो गणतंत्र दिवस के मौके पर निकलने वाली झांकियों, स्कूली बच्चों के कार्यक्रम तथा परेड में सेना के जवानों की संख्या में कमी हो सकती है। हालांकि सुरक्षा पर कड़ी निगरानी को देखते हुए आवश्यक कदम प्रशासन द्वारा उठाए जाएंगे।


26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है?

गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति द्वारा झंडारोहण किया जाता है। प्रधानमंत्री झंडारोहण इसलिए नहीं करते हैं क्योंकि वह राजनयिक तौर पर प्रमुख होते हैं जबकि देश में राष्ट्रपति संवैधानिक तौर पर प्रमुख माने जाते हैं। इसलिए वर्ष 1950 में देश में संविधान लागू होने के पश्चात हर साल 26 जनवरी के मौके पर झंडारोहण देश के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।


स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच का अंतर क्या है?

स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच के अंतर को निम्न बिंदुओं से समझा जा सकता है।

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👉 स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच जो मूलभूत अंतर यह है कि स्वतंत्रता दिवस भारत की आजादी के जश्न के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वही देश में लोकतंत्र स्थापित होने की वजह से गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

👉 हर साल स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है जबकि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है।

👉 हमारा देश 15 अगस्त वर्ष 1947 को स्वतंत्र हो चुका था। लेकिन भारत को गणतांत्रिक होने अर्थात देश में संविधान लगभग ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। तभी से हमारा देश एक गणतांत्रिक देश बन गया।

👉 गणतंत्र दिवस देशवासियों को गौरव का एहसास दिलाता है कि वे एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। जहां जनता का हित सरकार की पहली प्राथमिकता होती है। हर साल मनाए जाने वाला गणतंत्र दिवस नागरिकों को देश को चलाने में संविधान की भूमिका और उनके अधिकारों का एहसास करवाता है।

👉 वहीं दूसरी तरफ स्वतंत्रता दिवस जिसे हम “आजादी का दिन” भी कहते हैं। इस दिन देश को आजाद करने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष तथा वीर जवानों की शहादत को याद कर उन्हें नमन किया जाता हैं, जिन्होंने देश को आजाद कराने के खातिर अपना सब कुछ त्याग दिया।

👉 इसके अलावा यह दोनों ही राष्ट्रीय पर्व अलग अलग अंदाज में मनाए जाते हैं। 26 जनवरी के मौके पर राजपथ पर परेड, झांकियां निकाली जाती है। और भारत कि एकता और अखंडता का परिचय देकर विभिन्न राज्यों की संस्कृति, वेशभूषा, पहनावे को दर्शाया जाता है। वही स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केवल एक ही राज्य नहीं बल्कि सभी राज्यों द्वारा झंडारोहण कर यह राष्ट्रीय प्रव मनाया जाता। हालांकि इन दोनों के बीच समानता यह है कि यह दोनों ही राष्ट्रीय पर्व है जिन्हें भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।


ध्वजारोहण के नियम

हर साल स्वतंत्रा दिवस एवं गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडारोहण और ध्वजारोहण होता है, परंतु क्या आप जानते हैं इसके लिए भी कुछ नियम कानून बनाए गए है जिनका अगर पालन ना करें तो सजा भुगतनी पड़ सकती है तो आइए जानते है कौन से है वो नियम।

Rules For Hoisting National Flag in Hindi

  • झंडे को कभी भी नीचे नहीं गिराना चाहिए या जमीन पर नहीं रखना चाहिए।
  • झंडे पर किसी तरह की कलाकृति या लिखावट स्वीकार नहीं है।
  • देश के झंडे को जलाने, फाड़ने या इसे नष्ट करना इसका अपमान है, ऐसा करते पाए जाने पर 3 साल तक की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • शरीर में कमर से नीचे अगर कोई व्यक्ति तिरंगे का कोई कपड़ा पहनता है तो यह उसका अपमान है।
  • कटे फटे या फिर मैले कुचले तिरंगे को उड़ाना स्वीकार्य नहीं है।
  • सूर्य के उगने के पश्चात ही और शाम को सूर्य ढलने से पहले ही तिरंगा फहराया जा सकता है।
  • प्लास्टिक के झंडे पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
  • सदैव झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। जिसमें उसकी लंबाई और चौड़ाई 3:2 होनी चाहिए।
  • अशोक चक्र में चौबीस तीलियाँ होनी चाहिए।

26 जनवरी पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यक्रम

प्रत्येक वर्ष बेहद हर्षोल्लास के साथ हर साल में 26 जनवरी के दिन हमारे भारत देश में गणतंत्र दिवस को सेलिब्रेट किया जाता है। गणतंत्र दिवस पर अगर किसी स्थान पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन होता है तो वह जगह है नई दिल्ली। प्रति वर्ष नई दिल्ली के लाल किला में 26 जनवरी के आने से पहले ही विशेष तैयारियां शुरू की जाती है। इस दिन तोपों की सलामी लाल किले पर दी जाती है, साथ ही राष्ट्रपति के द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को भी फहराया जाता है और फिर जितने भी लोग यहां पर उपस्थित होते हैं वह सभी एक साथ मिलकर के खड़े होकर के राष्ट्रगान को गाते हैं। 26 जनवरी के दिन जितनी भी भारतीय सेना की रेजिमेंट हैं, वह इसमें पार्टिसिपेट करती है और भारत के राष्ट्रपति को और तिरंगे झंडे को सलामी देती हैं।


गणतंत्र दिवस भाषण 2022: 26 जनवरी पर स्कूलों/कॉलेजों में कार्यक्रम

जितने भी प्राइवेट और गवर्नमेंट स्कूल इंडिया में संचालित होते है उन सभी में 26 जनवरी के दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। स्कूलों में विद्यार्थियों के जाने पर सबसे पहले स्कूल का पूरा स्टाफ मिलकर के प्रिंसिपल के द्वारा झंडे को फहराने के बाद झंडे को सलामी देते है और उसके बाद राष्ट्रगान गाया जाता है। कुछ स्कूल ऐसे होते हैं जहां पर इस दिन फंक्शन का भी आयोजन किया जाता है। इसके अलावा कुछ स्कूल या फिर यूनिवर्सिटी के द्वारा इस दिन परेड भी निकाली जाती है जिसमें विद्यार्थी काफी जोश के साथ देशभक्ति के नारे लगाते हैं।

कई विद्यार्थियों के द्वारा स्कूल और कॉलेज में अलग-अलग नाटक, संगोष्ठी का भी आयोजन होता है, साथ ही डांस भी किया जाता है। कई विद्यार्थी इस दिन स्कूल या फिर कॉलेज में कविता गायन भी करते हैं और लोगों को देश भक्ति के प्रति जागरूक करने का काम करते हैं।


गणतंत्र दिवस 26 जनवरी की शुरुआत कैसे होती है?

26 जनवरी की सुबह तकरीबन 4:00 बजे के आसपास में ही नई दिल्ली के लाल किले परिसर में लोगों की भीड़ इकट्ठा होना चालू हो जाती है और जितने भी वीआईपी गेस्ट को यहां पर आने के लिए आमंत्रण दिया गया होता है वह सब धीरे धीरे आना चालू हो जाते हैं। इसके साथ ही सामान्य लोग भी कड़ाके की ठंड के बावजूद भी इस राष्ट्रीय पर्व को आंखों के सामने देखने के लिए यहां उपस्थित हो जाते हैं। सभी लोगों के इकट्ठा होने के बाद शहीद ज्योति का अभिवादन हमारे भारत देश के प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाता है। प्रधानमंत्री सबसे पहले शहीद जवान ज्योति के पास जाते है जो कि इंडिया गेट पर ही स्थित है और वहां पर जाकर के वह शहीद जवान ज्योति को प्रणाम करते हैं और देश के लिए जान दे चुके जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

इस कार्यक्रम के पूरा होने के बाद विजय चौक की साइड से राष्ट्रपति की सवारी निकलती है जो कि इस कार्यक्रम के मुख्य मेहमान होते हैं।‌ राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए भारत के तीनों सेना के प्रमुख खड़े होते हैं, उनके द्वारा राष्ट्रपति का स्वागत किया जाता है। इसके बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों आपस में मुलाकात करते हैं। इसके बाद राष्ट्रपति के द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है और फिर खड़े होकर के सामूहिक राष्ट्रगान किया जाता है और उसके बाद 26 जनवरी के रंगारंग कार्यक्रम का आगाज होता है, जिसमें भारत के अलग-अलग राज्यों की झांकी प्रस्तुत की जाती है, साथ ही सेना की विभिन्न रेजिमेंट अपने अपने कर्तव्य कौशल दिखाते हैं। इसके अलावा भारत अपनी शक्तिशाली मिसाइलों और टैंकों का भी प्रदर्शन करता है और दुनिया को यह दिखाता है कि वह विश्व का गुरु बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।


26 जनवरी से हमें क्या सीख मिलती है?

26 जनवरी और 15 अगस्त यह दोनों ऐसे दिन है जिसका हर हिंदुस्तानी बड़ी बेसब्री के साथ इंतजार करता है क्योंकि यहीं वह दिन है जब हमें पूरे देश में देशभक्ति का माहौल देखने को मिलता है। इस दिन की शुरुआत से ही पूरे देश में तरह तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है और लोग बढ़-चढ़कर अपनी देशभक्ति को प्रस्तुत करते हैं। यह दिन इसलिए भी खास होता है क्योंकि इस दिन कोई ना कोई मुख्य अतिथि हमारे भारत देश का मेहमान बनता है जिसके कारण भारत के विदेशी देशों के साथ संबंध मजबूत बनते हैं। 26 जनवरी हमें यह सीख देती है कि कैसे हम एक आदर्श नागरिक बने और अपने भारत देश की तरक्की में अपना योगदान दें और अपने देश को विश्व का गुरु बनाने की हर पहल का समर्थन करें।


Ganatantra Divas Kab Manaya Jata Hai

प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी गणतंत्रता दिवस 26 जनवरी 2022 के दिन मनाया जाएगा।

त्योहार दिनांक वर्ष
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, मंगलवार 2021
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, बुधवार 2022
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, गुरूवार 2023

गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है

गणतंत्र दिवस प्रति वर्ष 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है क्योंकि 200 साल की गुलामी के बाद हमारा भारत देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था और 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था इसलिए 26 जनवरी के दिन हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं।


अंत में मैं आपसे यही कहना चाहूंगा कि चाहे स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस हमें कभी भी देश के उन असली हीरोज को नहीं भूलना चाहिए। जिन्होंने अपनी मातृभूमि को आजाद कर हमें एक स्वतंत्र जीवन देने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। साथ ही रिपब्लिक डे हमें यह आभास कराता है कि हम देश की एकता और अखंडता को बनाए रखे, देश की गरिमा को बनाए रखें।

मुझे उम्मीद है कि अब आपको यह पता चल गया होगा की हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं और क्या है इसकी खास बाते। अगर आपको अभी भी कुछ पूछना है या फिर आप हमारे देश को कुछ बोलना चाहते हो तो आप कमेंट करके जरूर बोल सकते हो और इन 6 बातों को आप अपने दोस्तों के साथ फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर शेयर जरूर करे। भारत माता की जय।

– 26 Jan Kyu Manaya Jata Hai

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11 Comments

    1. We celebrate Republic Day because on Republic Day, our(Indian constitution applied in our country. We got independendence from British rule in 15 August 1947 but there was British constitution till 25th January 1950.

  1. We will not forget the men (king of knowledge) Mr. B.R.Ambedker when we talk about our constitution. Just because of him we are celebrating republic day. Jai bhim jai bharat

  2. 26 जनवरी 1950 को भारत का सविधान लागू हुआ था. भारत का सविधान एक लिखित सविधान है. इस दिन भारत के राष्ट्रपति लाल किले (red fort) पर झंडा फहराते है. इस दिन के मोके पर अशोक चक्र और किरती चक् जैसे महत्वपूर्ण सम्मान भी लोगो को दिए जाते है. इस दिन भारतीय सेना अपना शक्ति प्रदर्शन परेड के रूप में दिखाती है.
    हिमांसु, आप नें जानकारी तो बहुत ही अच्छी प्रदान किए है, परंतु आप की जानकारी के लिए मैं बता दू की किसी भी 26 जनवरी को लाल किले पर तिरनगा नही फहराया जाता है। भारत के राष्ट्राप्ति तो लाल किले पर कभी भी तिरंगा फहराते ही नही है। लाल किले पर तो झड़ा प्रधान मंत्री 15 अगस्त को ही फहराते हैं। 26 जनवरी को तो केवल राज पथ पर परेड निकाली जाती है।

    1. अपनी बात हमारे साथ व्यक्त करने के लिए धन्यवाद हम जल्द ही इसको ठीक कर देंगे|

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