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चाचा नेहरू पर निबंध हिंदी में लिखा हुआ
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About Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi

विद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्रों के लिए जवाहरलाल नेहरू अर्थात चाचा नेहरू पर निबंध (Chacha Nehru Par Nibandh) आपको नीचे लिखा हुआ मिलेगा। आज हम बात करेंगे पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में जिनको प्यार से बच्चे चाचा नेहरू कहकर पुकारते है।

देखा जाये तो आज के लेख को हम “Jawaharlal Nehru Biography” भी बोल सकते हैं, क्योंकि आज के इस लेख के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन कैसा था और उन्होंने अपनी जिन्दगी में क्या-क्या किया?

देखा जाए तो यह 100 आने सही बात है कि इतिहास में जिस भी इंसान ने अपना नाम बनाया है जरूर उनमें कोई ना कोई बात जरूर थी। कई लोगों की कहानी तो इतनी दर्दनाक होती है की पढ़ते-पढ़ते हमारी आंखों में आँसू और दिल में एक भावना आती है कि कैसे इस इंसान ने अपनी जिन्दगी को जिया होगा। वही कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जिनकी जिन्दगी हमें बहुत कुछ सीखा देती है। उनकी ज़िंदगी के हर एक पड़ाव से हमें कुछ ना कुछ सीखने को जरूर मिलता है और वैसी कहानी को हम Motivational Story का नाम भी देते हैं।

आइये, अब हम इस लेख को अंत तक पढ़ते हैं, और इस लेख के अंत में जो कमेंट बॉक्स दिया गया है उसमें आप कमेंट कर के ये बताना मत भूलिएगा कि चाचा नेहरू की कहानी से आपने क्या सीखा?

नोट: यह जो चाचा नेहरू पर निबंध मैं अपडेट करने जा रहा हूँ, चाहे तो आप इसको अपनी एक कॉपी में लिख सकते हैं क्योंकि यदि आप स्कूल में पढ़ने वाले छात्र हो तो जवाहरलाल नेहरू पर निबंध आपके बहुत काम आएगा और अगर आपको चाचा नेहरू की कहानी पसंद आए तो इसे आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर करें, ताकि उनका ज्ञान भी बढ़े।

चाचा नेहरू पर निबंध हिंदी में लिखा हुआ

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi
Jawaharlal Nehru Short note in Hindi

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi 10 Lines

पंडित जवाहरलाल नेहरू (चाचा नेहरू पर निबंध) शुरू करने से पहले, दोस्तों आपको यह तो ज्ञात होगा ही कि वो भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ अंग्रेजों से आजादी के लिए जो संघर्ष हुआ है उसके मुख्य नेता भी रहे थे। भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में अल्लाहाबाद नाम की सिटी में उनका जन्म मोतीलाल नाम के एक वकील के घर में 14 नवम्बर 1879 में हुआ था और उनकी माता का नाम स्वरूप रानी था.

यदि हम इनके भाई बहन की बात करें तो नेहरू जी अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे और उनकी तीन बहने भी थी। जवाहरलाल नेहरू जी को उनके पिताजी मोतीलाल नेहरू जी ने 15 वर्ष की आयु में इंग्लैंड के हैरो स्कूल और कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला कराया। अपनी पढ़ाई के दौरान (7 वर्ष) इंग्लैंड में चाचा नेहरू के मन में आजादी और देश प्रेम की भावना जागृत हुई, और उनके दिल में भारत को स्वतंत्र देखने की तड़प सी जाग गयी।

सन् 1912 को नेहरू जी अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी कर के भारत वापस लौट आए, और उसके बाद उन्होंने भारत में अपनी वकालत शुरू की परन्तु उसमें उनका मन नहीं लगा क्योंकि वह अपने देश को आज़ाद देखना चाहते थे। फिर उन्होंने वकालत से अपना ध्यान अलग दिशा में लाये और राजनीति के माध्यम से भारत को अंग्रेजों से मुक्त करने की जंग शुरू कर दी और उन्हीं दिनों सन् 1915 में उनका विवाह कमला जी से हुआ

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Political Life of Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi

सन् 1912 में

नेहरू जी वकालत की पढ़ाई पूरी करने के उपरांत भारत वापस आये और वकालत की डिग्री होने के कारण उसी लाइन में काम करना शुरू किया।

सन् 1916 में

जवाहर लाल नेहरू जी की शादी “कमला नेहरू” जी के संग हो गई।

सन् 1919 में

जब वकालत का काम नेहरू जी ने भारत में शुरू किया तो उन्होंने भारत की स्थिति तो बेहतर नहीं पाया और फिर उन्होंने वकालत का काम छोर “महात्मा गांधी” जी से मिले और राजनीति में अपना योगदान देना आरंभ कर दिया।

सन् (1920-1922) में

भारत को स्वतंत्र कराने की लड़ाई में नेहरू ने अपना सहयोग, असहयोग आन्दोलन में दिया और फिर इस चक्कर में फिरंगियों द्वारा गिरफ्तार भी किए गए और फिर मात्र कुछ ही दिनों के बाद उन्हें रिहा भी कर दिया गया।

सन् 1924 में

नेहरू जी उत्तर प्रदेश से ही थे और इसी वजह से वे “इलाहाबाद” के अध्यक्ष चुने गये और फिर कुल 2 साल तक वो वहाँ कार्यकारी अधिकारी के रूप में काम करते रहे और फिर 1926 में उन्हें ब्रिटिश अधिकारियों से किसी प्रकार की कोई सहायता न मिलने पर उन्होंने उस पद से अपना इस्तीफा दे दिया।

सन् (1926-1928) में

जवाहर लाल नेहरू जी ने अखिल भारतीय कांग्रेस के नेता होने के रूप में काम किया।

सन् 1929 में

दिसम्बर के महीने में जब कांग्रेस के अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू जी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुना गया तो तब उन्होने पूर्ण स्वराज की मांग आधिवेशन के माध्यम से लाहौर में किया।

26 जनवरी 1930 में

भारत के स्वतंत्र होने से करीब 17 वर्ष पूर्व ही जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर में स्वतंत्र भारत का झंडा फहरा दिया था। उन्हीं दिनों गांधी जी ने नमक आन्दोलन की भी शुरुआत की थी, और वो आंदोलन इतना ज्यादा सफल हुआ क्योंकि उस समय तक भारत के अधिकांश से भी ज्यादा लोगों में स्वतंत्रता का जोश आ गया था और उसी वजह से ब्रिटिश जो कि भारत पर काफी लंबे समय से राज कर रहे थे उन्हें एक महत्वपूर्ण निर्णय भारत के हित में लेने के लिए भारतीयों से एक साथ मिल कर उन्हें मजबूर कर दिया था।

सन् 1935 में

जब ब्रिटिश सरकार ने अधिनियम लागू करने का प्रस्ताव भारतीयों के सामने रखा तो कांग्रेस के अध्यक्षों ने चुनाव लड़ना ही सही समझा, और फिर नेहरू जी ने उस चुनाव के दौरान पार्टी का समर्थन तो किया लेकिन वे चुनाव में खुद शामिल नहीं हुए थे वो उससे बाहर ही रहे और समर्थन किया। धीरे-धीरे भारतीयों में अंग्रेजों के प्रति अब दर समाप्त होता जा रहा था और उसी वजह से 1935 में हुये चुनाव के वजह से कांग्रेस हर प्रदेश में छा गयी और सबसे अधिक जगहों पर जीत भी हासिल हुई।

सन् 1936-1937 में

जवाहर लाल नेहरू जी को एक बार फिर से कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

सन् 1942 में

अंग्रेजों का भारत को अब छोर के जाने का समय समीप आ रहा था और उन्हीं दिनों गांधी जी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आन्दोलन आरंभ हुआ जिस में जवाहर लाल नेहरू जी ने भी उनका पूरा सहयोग दिया था। आंदोलन में हिस्सा लेने के वजह से नेहरू जी को जेल भी हुई और इस बार वो करीबन 3 वर्ष तक जेल में ही रहे और फिर 1945 में वो जेल के बाहर आये और अंत सन् 1947 में पंडित जवाहरलाल नेहरू संग कई स्वतंत्रता संग्रामी की कड़ी मेहनत के बाद भारत को अंग्रेजों से मुक्ति मिली और भारत वासियों को आजादी मिल गयी थी।

आजादी के बाद भारत को अब एक लोकतांत्रिक देश बनाने की बात की गई जिसमें अब भारत को राजा और उसकी प्रजा का जो सिस्टम 200 साल पूर्व तक चला आ रहा था उसे छोर अब नेता चुनने का समय आ गया था। तभी बात ये हुई की प्रधानमंत्री के पद पर किसे नियुक्त किया जाए? यह वाकई में काफी कड़ा फैसला था और उसके लिए मतदान की प्रक्रिया को फॉलो किया गया।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कई नेता थे लेकिन उसमें से तीन मुख्य नेता को प्रधानमंत्री के पद के लिए चुना गया कि वो चुनाव में खड़े होंगे, जिसमें से एक पंडित जवाहरलाल नेहरू, दूसरे सरदार वल्लभ भाई पटेल और तीसरे आचार्य कृपलानी थे।

जब चुनाव का रिजल्ट सामने आया तो सरदार पटेल जी को सबसे ज्यादा मतदान मिले और उनके बाद सबसे ज्यादा मत आचार्य कृपलानी को मिले थे और सबसे कम जवाहरलाल नेहरू को मत मिला था। लेकिन फिर सिर्फ गांधी जी के कहने पर सरदार पटेल और आचार्य कृपलानी ने अपना नाम प्रधानमंत्री के लिए हुए चुनाव से वापस ले लिया और फिर इस वजह से जवाहरलाल नेहरू जी जो कि एक मात्र नेता बचे थे जिन्होंने चुनाव में अपना प्रदर्शन दिया था उनको प्रधानमंत्री बनने दिया।

आइये दोस्तों, अब हम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बनने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा भारत के लिए किए गए कार्य पर भी एक नजर डालते हैं।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में 10 लाइन

Essay on Jawaharlal Nehru in hindi

Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi

अब जब प्रधानमंत्री के पद पर नेहरू जी नियुक्त हो गए थे तो उन्हें अब भारत के विकास होने के हित में कई फैसले लेने थे क्योंकि अब दुबारा से यह नहीं सोचा जा सकता था की भारत पर कोई और राज ना करें।

जवाहर लाल नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में अपना काफी हद तक योगदान दिया, और उन्होंने विज्ञान और प्रोद्योगिकी के विकास को भारत वासियों को ज्यादा प्रोत्साहित किया। साथ में तीन लगातार भारत की पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया, उनके कारण व उनके निर्णयों व उनकी नीतियों की वजह से देश में कृषि व उद्योग की लहर आ गयी।

भारत का विकास अच्छे से हो इस वजह से नेहरू जी ने देसी नीतियों के साथ – साथ विदेशी नीति में भी अपनी अहम भूमिका निभाई थी।

क्या आप जानते हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को वर्ष 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था?


पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कैसे हुई थी: Pandit Jawaharlal Nehru History in Hindi

जैसा कि हम आज भी देख पा रहे है कि भारत के पाकिस्तान और चीन के साथ अच्छे संबंध नहीं है और यह संबंध बहुत पहले से ही बिगड़े हुए हैं। जब नेहरू जी प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के रिश्तों को सुलझाने के कई मुमकिन प्रयास किए लेकिन उसमें वो असफल रहे। हमेशा से पाकिस्तान कहता आ रहा है कि कश्मीर उनका है और जब चीन से दोस्ती की बात करो तो वो सीमा विवाद आगे कर देता है, जिस कारण आज तक संबंध में सुधार नहीं आ सका।

जब नेहरू जी ने एक बार चीन से मित्रता के लिए हाथ भी बढ़ाया तो उन्हें लगा की शायद सुधार आएगा लेकिन 1962 में चीन ने मोके का फायदा उठा कर चीन ने धोखे से भारत पर आक्रमण कर दिया। नेहरू जी ने जो कभी सपने में भी नहीं सोचा था वो हो गया और उसी वजह से उनको बहुत बड़ा झटका लगा, और लोगों का कहना था की उसी झटके के कारण ही उनकी मृत्यु हुई हो।

उस झटके की वजह से 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उनकी मृत्यु हो गई, उनकी मृत्यु होने से भारत को बहुत बड़ी चोट पहुंची थी।

जवाहरलाल नेहरू जी सबके लोकप्रिय थे उन्होंने देश के लिए जो भी किया वो बहुत ही कीमती था जिस वजह से उन्हें भुलाया नहीं जा सकता था। जिस कारण उनकी याद में देश के महान नेताओं ने व स्वतंत्रता सेनानियों ने उन्हें हर पल याद रखने के लिए सड़क मार्ग, जवाहर लाल नेहरू स्कूल, जवाहर लाल नेहरू टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल आदि को बनाने की शुरुआत की गयी।


Chacha Nehru Essay in Hindi

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। ब्रिटिश सरकार की गुलामी कर रहे हमारे देश को आजादी दिलाने के पीछे उनका बहुत बड़ा योगदान था। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को भारत का आर्किटेक्ट (वास्तुकार) भी कहा जाता है। नेहरू जी के पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरू था। वे उस समय के बहुत बड़े वकील थे। नेहरू जी की मां का नाम स्वरूप रानी नेहरू था। नेहरू जी एक अमीर परिवार से सम्बन्ध रखते थे।

पंडित नेहरू जी ने अपने शुरुआती शिक्षा इलाहाबाद में ग्रहण की थी। ‌शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद नेहरू जी ने अपनी आगे की पढ़ाई लंदन में की जहां से उन्होंने अपनी हैरो स्कूल (Harrow School) और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज ग्रहण किया। उन्होंने अपनी लॉ की पढ़ाई कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (University of Cambridge) से पूरी की‌‌ थी। 1912 में नेहरू जी को बार-एट-लॉ की उपाधि से नवाजा गया था।

जवाहरलाल नेहरू जी हमेशा से ही महात्मा गांधी जी को अपना रोल मॉडल मानते थे और अपनी प्रेरणा का स्त्रोत मानते थे। सन् 1912 तक वे कांग्रेस से जुड़े रहे। फिर 1920 में उन्होंने प्रतापगढ़ में पहले किसान मोर्चे को संगठित किया था। 1928 में नेहरू जी लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध करते हुए घायल हो ‌गए और 1930 में नेहरू जी नमक आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हो गए। गिरफ्तार हो जाने के बाद उन्होंने 6 महीने तक जेल में अपनी सजा काटी थी। जेल में रहते हुए उन्होंने अपनी आत्मकथा लिखी थी।

नेहरू जी जब विश्व भ्रमण कर रहे थे तब वे अंतरराष्ट्रीय‌ नायक के रूप में उभरे थे। भारत को अंग्रेजों के चुंगल से बचाने के लिए जवाहरलाल नेहरू जी ने एक नेता के रूप में सभी का नेतृत्व किया था। उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत और देश की आजादी को समर्पित कर दिया और देश की स्वतंत्रता के बाद उन्होंने देश को काफी अच्छी तरह से संभाला था। ‌27 मई 1964 में जवाहरलाल नेहरू जी की मृत्यु हो गई


What is the meaning of culture is the widening of the mind and of the spirit?

भारतीय संस्कृति का गुणगान दुनिया भर में किया जाता है। हमारे देश में संस्कृति को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। हमारी बोलचाल, रहन-सहन, पहनावा दुनिया के सभी लोगों से अलग हैं। ‌हमारे देश के लोगों की आत्मा में देश भक्ति का रंग चढ़ा हुआ है।


भारत की एकता पर नेहरू के विचार क्या है?
  • » भारतीय एकता जिसकी मिसाल दुनिया में हर व्यक्ति देता है। उस विषय पर नेहरू जी का कहना है कि भारतीयों के अंदर एकता की भावना हृदय में पैदा होती है।
  • » हमारे देश में किसी भी व्यक्ति के ऊपर एकता को थोपा नहीं जाता! यहां एकता नहीं बल्कि भाईचारा है। साथ-साथ रहने वाले लोग एकता के सूत्र में जन्मजात ही बंध जाते हैं और कुछ लोग देश भक्ति के रंग में रंग कर एकता‌ के रंग में रंग जाते हैं।
  • » नेहरू जी का मानना है कि देश की आजादी के लिए लोगों के अंदर एकता नहीं बल्कि देश भक्ति जाग्रत करनी चाहिए क्योंकि जब लोगों में देशभक्ति जागेगी तो एकता अपने आप ही पैदा हो जाएगी। क्योंकि हम भारतीयों में देशभक्ति अलग ही जोश पैदा कर देता है और यह जो हमें हर उस इंसान से लड़ने की शक्ति देता है, जो हमारे देश के लिए खतरा होता है।
  • » नेहरू जी एकता को मन का विश्वास मानते थे ना कि बाहर का आवरण!
Interesting Unknown Facts About Chacha Nehru in Hindi
Interesting Facts About Pt Jawaharlal Nehru in Hindi
Interesting Facts About Pt Jawaharlal Nehru in Hindi
Write 10 Lines About Jawaharlal Nehru in Hindi
  1. 👉 सन् 1950 से लेकर 1955 तक के समय काल में जवाहरलाल नेहरू जी को 11 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था। लेकिन दुख की बात यह है कि नेहरू जी एक बार भी नोबेल पुरस्कार नहीं ले पाए थे। ‌
  2. 👉 सन् 1907 में जवाहरलाल नेहरू ने Trinity College, Cambridge चले गए और साल 1910 में natural science में अपनी ग्रेजुएशन पूरी करके उन्होंने डिग्री प्राप्त की।
  3. 👉 सन् 1912 के अगस्त महीने में जवाहरलाल नेहरू अपने घर आए और इलाहाबाद के कोर्ट रूम में बैरिस्टर के रूप में नौकरी करने लगे।
  4. 👉 जवाहरलाल नेहरू जी एक कश्मीरी, पंडित परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
  5. 👉 जवाहरलाल लाल नेहरू की दो बहने हैं जिनका नाम Vijay Lakshmi Pandit और Krishna Hutheesing है।
  6. 👉 सन् 1935 में जेल में रहते हुए जवाहरलाल नेहरू ने अपनी आत्मकथा लिखी थी। ‌नेहरू द्वारा लिखी गई किताब का नाम Toward Freedom था। इस किताब को सन् 1936 में अमेरिका में पब्लिश किया गया था।
  7. 👉 पंडित जवाहरलाल जी की मृत्यु हार्ट अटैक के कारण 27 मई 1964 में हुई। मृत्यु के बाद उनके शव के पीछे 1.5 मिलियन लोग सम्मिलित हुए थे।
  8. 👉 भारत को स्वतंत्रता प्रदान करने की लड़ाई में जवाहरलाल नेहरू जी को 9 बार जेल जाना पड़ा था।
  9. 👉 पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को Architect of Modern India के नाम से जाना जाता है।
  10. 👉 सन् 1927 में उन्होंने पहली बार देश की आजादी के खातिर तिरंगा फहराया था।

तो दोस्तों आपसे भी बस इतनी ही इल्तिजा है कि आप इस चाचा नेहरू पर निबंध को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जीवन परिचय आपको कैसा लगा, हमें कमेंट करके बताना मत भूलिएगा क्योंकि मैं आपके कमेंट का इंतजार कर रहा हूँ।

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