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Chanakya in Hindi, Biography of chanakya in hindi

Chanakya in Hindi – आचार्य चाणक्य कौन थे ? चाणक्य की जीवन गाथा

आज मैं आपको आचार्य चाणक्य का जीवन परिचय (Chanakya in Hindi) के बारे में बताने जा रहा हूँ| आज मै आपको बताऊंगा की आचार्य चाणक्य कौन थे और आचार्य चाणक्य की नीति क्या-क्या थी.

इस दुनिया में भगवान ने कई ऐसे लोगो को भेजा होता है जो कुछ ना कुछ ऐसा कर के अपना नाम बना के जाते हैं की उनकी मृत्यु के बाद भी वो जीवित रहते हैं, और उन्ही लोगो में से एक आचार्य चाणक्य भी है.

वैसे आपको तो पता ही है की आचार्य चाणक्य की मृत्यु हो चुकी है, ना जाने उनको गए हुए कितने वर्ष बीत चुके हैं पर फिर भी आज आचार्य चाणक्य के नीति और विचार अमर है.

आपने यह बात तो सुनी होगी की कोई भी इंसान अपने नाम से नही बल्कि अपने काम से बड़ा बनता है, तो इस बात को हम चाणक्य (आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य) के उपर बोल सकते है.

अब मै आपको आचार्य चाणक्य का संक्षिप्त जीवन परिचय बताने जा रहा हूँ, तो आईये पढ़ना शुरू करते है.

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Biography of Chanakya in Hindi – आचार्य चाणक्य की जीवनी

चाणक्य का जन्म एक घोर निर्धन परिवार में हुआ था, अपने उग्र और गूढ़ स्वभाव के कारण वे ‘कौटिल्य’ भी कहलाये| उनका एक नाम संभवत: ‘विष्णुगुप्त’ था.

अपने कौटिल्य व्यवहार की वजह से आचार्य अपने परिवार के साथ रहना बिलकुल भी पसंद नहीं करते थे, और इस वजह से उन्होंने बहुत कम उम्र में ही अपने घर को त्याग दिया था.

एक बार चाणक्य आचार्य राधा कृष्ण स्वामी को बेसुध अवस्था में खेतों में पड़े मिले थे| स्वामी जी उस बालक को होश में लाए और उसका परिचय पूछा.

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मैं एक अनाथ बालक हूँ, आचार्य जी | संसार में मेरा कोई नहीं है, कभी यहाँ, तो कभी वहाँ भटकता फिर रहा हूँ|” होश में आने पर चाणक्य ने कहा.

जो अनाथ होता है, उसका नाथ ईश्वर होता है|” तुम स्वयं को अनाथ मत समझो | ईश्वर को अपना बनाओ, वह बहुत दयालु है.”

चाणक्य बोले : मुझे इस समय आप में ही ईशवर के दर्शन हो रहे हैं| आपने इतने अपनत्व से बात की तो मेरे मन का सारा भ्रम दूर हो गया.”

राधाकृष्ण : तो फिर उठो और मेरे साथ चलो.”

चाणक्य : कहाँ आचार्य जी ?

राधाकृष्ण : पाठशाला, वहाँ चलकर विश्राम करो और जब पूरी तरह स्वस्थ हो जाओ तो जहाँ इच्छा हो, वहाँ चले जाना.”

आप पूजनीय हैं, आदरणीय हैं| मैं आपकी आज्ञा अवश्य मानूँगा|” कहकर चाणक्य उठ खड़ा हुआ और आचार्य के साथ चल पड़ा.

विष्णुगुप्त !” चाणक्य ने उन्हें एक काल्पनिक नाम दिया| स्वामीजी चाणक्य को लेकर पाठशाला की और चल दिए.

राधामोहन स्वामी जी ने चाणक्य का उपचार किया| इससे कुछ ही दिनों में चाणक्य स्वस्थ हो गया| इसके पश्चात वह कही नही गया| वहीं रहकर स्वामी जी की सेवा करने लगा.

एक दिन स्वामी जी अपने शिष्यों को पढ़ा रहे थे| पढ़ाते-पढ़ाते एक स्थान पर उनसे छोटी सी भूल हो गई| चाणक्य पास ही बैठे थे| अचानक उनके मुहँ से निकला, “आचार्यजी! आप भूल कर गए| यहाँ ऐसे नहीं है, ऐसे है.”

स्वामी जी ने चोंककर चाणक्य की और देखा और पूछा, “तुम्हें कैसे पता? भूल तो मुझसे वास्तव में हुई है, परन्तु क्या तुम्हें यह सब आता है?

“आप है आचार्य जी!” चाणक्य ने उतर दिया, “एक कृपालु आचार्य जी ने मुझे थोडा-बहुत पढ़ाया था, वह मुझे अभी तक याद है.”

आचार्य ने चाणक्य की प्रतिभा को पहचान लिया था| अब उन्होंने चाणक्य को शिक्षा प्रदान करने का निश्चय किया.

चाणक्य आदर्श शिष्य के समान स्वामी जी से शिक्षा ग्रहण करने लगा.

स्वामी जी की पाठशाला में चाणक्य की योग्यता ने स्वामी जी की बहुत प्रभावित किया| अपने नए शिष्य में स्वामी जी को अनूठी प्रतिभा के दर्शन हुए| ऐसा शिष्य पहले कभी उनके जीवन में नहीं आया था| उन्होंने निश्चय कर लिया कि अपने उस शिष्य को सफल करके ही दम लेंगे.

अल्प समय में ही चाणक्य ने अपने गुरु तथा सहपाठियों के दिल जीत लिये. सभी उनके बुद्धि-चातुर्य की प्रशसा करने लगे. जो बात दूसरे छात्र बार-बार रटने से भी याद न कर पाते, बालक चाणक्य उसे एक बार सुनकर ही कठस्थ कर लिया करता था.

स्वामीजी ने चाणक्य की प्रतिभा को देखते हुए उसे अध्याय के लिए तक्षशिला भेजने का निशचय किया और चाणक्य से बोले, “मैं चाहता हूँ की अब तुम तक्षशिला आओ| वहाँ विश्वविद्यालय में जाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करो.

जीवन में वह स्थान प्राप्त करों, जो आज तक कोई प्राप्त नही कर सका| बस यही मेरी गुरु-दक्षिणा है.

“मैं आपको यह गुरु-दक्षिणा दूंगा गुरुदेव!” चाणक्य उत्साहित होकर बोले, “आज से यही मेरा ध्येय होगा और यही मेरी तपस्या.”

स्वामीजी ने चाणक्य से तक्षशिला में जाकर आचार्य पुण्डरीकाक्ष से मिलने की सलाह दी और उनके लिए एक पत्र भी दिया. चाणक्य ने उनकी सलाह को मान लिया और आपनी शिष्या वहा पर ग्रहण करने लगे.

Acharya Chanakya History in Hindi – Information About Chanakya in Hindi

14 वर्ष के अध्ययन के बाद 26 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी समाजशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की शिक्षा पूर्ण की और नालंदा में उन्होंने शिक्षण कार्य भी किया.

वे राजतंत्र के प्रबल समर्थक थे, उन्हें ‘भारत का मैकियावेली’ के नाम से भी जाना जाता है| ऐसी किंवदन्ती है कि एक बार मगध के राजदरबार में मगध पति घनानंद के कारण उनका अपमान किया गया था, तभी उन्होंने नंद वंश के विनाश का बीड़ा उठाया था.

उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बैठा कर वास्तव में अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर ली तथा नंद वंश को मिटाकर मौर्य वंश की स्थापना की|

आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के सर्वाधिक प्रखर कूटनीतिज्ञ माने जाते है| उन्होंने ‘अर्थशास्त्र’ नामक पुस्तक में अपने राजनीतिक सिद्धांत का प्रतिपादन किया है, जिनका महत्त्व आज भी स्वीकार किया जाता है.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि कई विश्वविद्यालयों ने कौटिल्य (चाणक्य) के ‘अर्थशास्त्र’ को अपने पाठ्यक्रम में निर्धारित भी किया है.

महान मौर्य वंश की स्थापना का वास्तविक श्रेय अप्रतिम कूटनीतिज्ञ चाणक्य को ही जाता है, चाणक्य एक विद्वान, दूरदर्शी तथा दृढसंकल्पित व्यक्ति थे और अर्थशास्त्र, राजनीति और कूटनीति के आचार्य थे.

चाणक्य भारत के इतिहास के एक अत्यंत सरल और अद्भुत व्यक्तित्व हैं| उनकी कूटनीति को आधार बनाकर संस्कृत में एक अत्यन्त प्रसिद्ध ‘मुद्राराक्षस’ नामक नाटक भी लिखा गया है.

आचार्य चाणक्य की मृत्यु कब और कैसे हुई थी – Chanakya Death History in Hindi

आचार्य चाणक्य की मृत्युं लगभग 283 ईसा.पूर्व. ही हो चुकी है, भले ही आचार्य चाणक्य अब हमारे बीच नहीं रहे परन्तु आचार्य चाणक्य के अनमोल विचार आज भी हमारे बीच जीवित है, और हमेशा जीवित रहेंगे क्यूंकी आचार्य चाणक्य विचार, आचार्य चाणक्य नीति अमर है|

रामायण ⇓

महाभारत ⇓

इतिहास ⇓

Story About Chanakya in Hindi का यह आर्टिकल अब मैं यही पर खत्म कर रहा हूँ, और अंत में आपसे बस एक ही इल्तिजा है की आपको महान चाणक्य जी को धन्यवाद जरूर बोलना चाहिए.

अब आप इस लेख के नीचे दिये गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके इनको धन्यवाद बोल सकते हो और इस लेख को आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी कर सकते हो.

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7 Comments

  1. माफ़ कीजियेगा छोटा मुह बड़ी बात
    मात्रा पर ध्यान दिया कीजिये बहुत जरुरी है आपके ब्लॉग के लिए आपकी लेखन कला बहुत अच्छी है इसको जारी रखियेगा बहुत अच्छी पोस्ट है

    1. धन्यवाद, आपने हमको हमारी गलती बताई 🙂 यह एक पुराना लेख है इसको हम फ्यूचर में जरुर अपडेट करेंगे जिसमे और जानकारी ऐड की जाएगी और गलती भी हटा दी जाएगी|

  2. Apne chanakya ke bare men bahut hi achhi jankari di hai. Padhkar bahut hi achha lga.

  3. Wooooooow great description
    I’m crazy fan of chankya gurudev
    Sir can you tell me about sacrifices of chanakya gurudev

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