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Diwali Essay in Hindi

कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्रों के लिए दीपावली पर हिंदी निबंध

Diwali Essay in Hindi

दिवाली पर निबंध के इस लेख में आपका स्वागत है, आज के इस लेख में मैं आपके साथ दीपावली पर 4 निबंध शेयर करने जा रहा हूँ।

जैसा कि आप जानते है कि भारत देश अलग – अलग संस्कृति से मिलकर बना है। यहाँ आपको अलग – अलग धर्म एवं जाती के व्यक्ति एक साथ रहते हुए दिखते है। अलग – अलग धर्म के व्यक्ति के रहने के कारण यहां आपको पूरे वर्ष त्योहार मनाते हुए व्यक्ति बहुत ही आसानी से देखने को मिल जाते हैं। लेकिन इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर के महीने में और हिन्दी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक के महीने में भारत में सबसे ज्यादा त्योहार मनाए जाते है और इसका इंतज़ार बड़े तो क्या बच्चे भी पूरे वर्ष करते हैं।

मुख्य तौर पर अक्टूबर में दशहरा एवं दिवाली का पर्व मनाया जाता है। दशहरा के मात्र 20 दिन पश्चात ही दीवाली का त्योहार कार्तिक माह के अमावस्या की रात में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

यदि आपको ज्ञात है तो अच्छी बात है लेकिन यदि आपको ज्ञात नहीं तो मैं आपको बताना चाहता हूँ कि दशहरा का त्योहार दस दिन का होता है।

भारत के कुछ राज्य जैसे पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर यह नवरात्री के नाम से चर्चित है। नवरात्री का अर्थ है “नौ रात”, इन दिनो अर्थात 9 दिन तक देवी के अलग – अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है। काफी जगह पर लोग इन दिनों जागरण का आयोजन भी करते हैं। वही काफी लोग 7 या 8 दिन तक लगातार व्रत रखते है और फिर आखिरी दिन 9 कन्या को भोजन करा के अपना व्रत पूरा करते है और उसी के साथ अपना व्रत भी खोलते हैं।

बंगाल और बिहार में दशहरा के दिनों में माता का पंडाल लगता है और इसके साथ ही मेला का भी आयोजन होता है। जिसमे झूले, खाना – पीना, खिलौने, भिन्न प्रकार के खेलो का आयोजन होता है।

रात्रि के वक्त मेले के मैदान में एक कोने में स्टेज लगाया जाता है जहां पर 10 दिन तक राम लीला का आयोजन होता है। मेले के बहाने ही घर के बड़े – बूढ़े बच्चों को वहाँ लेकर जाते हैं और राम लीला दिखाते हैं।

पिछले काफी समय से मैं दिल्ली में हूँ और यहाँ मैं देख रहा हूँ कि दशहरा कि रात में हर जगह रावण के पुतले बना के जलाए जाते हैं और यह प्रतीत किया जाता है कि बुराई पर अच्छाई की हमेशा ही जीत होती है।

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नीचे दिये गए लिंक पर आप क्लिक कर के यह जान सकते है कि नवरात्रों में देवी के किन 9 रूपों की पूजा की जाती हैं?

चलिए अब हम बढ़ते है आगे और जानते है कि दशहरा के 20 दिन बाद ही दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

दोनों वैसे तो यह दोनों पर्व (दशहरा एवं दिवाली) दोनों ही रामायण से जुड़ी हुई है, लेकिन अब हम दीपावली के बारे में जानते हैं क्योंकि इस लेख में मैं आपके साथ दिवाली पर निबंध शेयर कर रहा हूँ। यदि आप दशहरा के बारे में भी कुछ जानना चाहते है तो नीचे दिये गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर प्रश्न पूछ सकते हैं, मुझे आपके सवालों का जवाब देना अच्छा लगता है।

इसे पढ़े: दिवाली के दिनों का महत्व जाने

People Also Ask For:

  • Why Diwali is celebrated for what reasons?
  • What is Diwali and why is it celebrated?
  • How do people celebrate Diwali in Hindi?
Diwali Date in India  दिवाली कब है।
2019 27 अक्टूबर, रविवार
2020 14 नवम्बर, शनिवार
2021 4 नवम्बर, गुरुवार

दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

दिवाली का त्योहार प्रभु श्री राम जी के 14 वर्ष के वनवास के उपरांत अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। हालांकि बदलते समय के साथ अब हम हर त्योहार को अपने अनुसार मनाते हैं अर्थात हम अपने अनुसार नियम कानून बनाने लगे हैं.

मैं ऐसा इसलिए बोल रहा हूँ क्योंकि आज के समय में काफी लोगों के लिए दीपवाली का मतलब पटाखे जलाना हैं तो वही कुछ लोगों के लिए दिवाली का मतलब खाना पीना है.

जबकि असल दिवाली जिसे दीपवाली भी कहा जाता है और इसका अर्थ है दीपों की आवली दीप अर्थात दिया और आवली का अर्थ है पंक्ति कुल मिला कर देखे तो दिया की पंक्ति हैं.

जब प्रभु श्री राम अपनी धर्म पत्नी सीता जी एवं भाई लक्ष्मण के साथ वनवास के बाद अपने नगर अयोध्या लौटे थे।

तो उस रात्री अमावस की रात थी हर तरफ सिर्फ अंधेरा होने के कारण अयोध्या वासियों ने अपने महाराज का स्वागत दीप जला के अयोध्या नागरी को रौशन कर के किया था.

तब से प्रति वर्ष कार्तिक माह के अमावस के रात में दिया जलाया जाने की प्रथा चलती आ रही है.

धीरे – धीरे दिया को बिजली से जलने वाली लाइट ने रिप्लेस कर दिया है और यही कारण है कि अब आपको ज़्यादातर घरों में दिवाली के रात्रि में अलग – अलग रंग की लाइट जलती हुई दिखती हैं.

मुझे आशा है कि अब आपको दिवाली क्यों मनाई जाती है इस प्रश्न का उत्तर आपको मिल गया होगा। चलिये अब हम आगे बढ़ते हैं और Diwali Essay in Hindi Speech को पढ़ना शुरू करते है.

आप चाहे तो इन दिवाली निबंध को याद कर अपने विद्यालय में स्टेज पर याद कर के दिवाली पर भाषण सुना सकते हैं, या आप चाहे तो हिन्दी पर निबंध लिख कर भी प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं.

My Favourite Festival Diwali Essay in Hindi

My Favourite Festival Diwali Essay in Hindi
Essay on Diwali Festival in Hindi

बच्चों के लिए दिवाली पर निबंध (100 शब्द)

दिवाली का त्योहार मुझे सबसे ज्यादा पसंद है क्योंकि दिवाली के समय मुझे मेरे पापा नए कपड़े और मिठाई दिलाते हैं.

दीपावली का त्योहार भगवान श्री राम उनकी पत्नी सीता माता और उनके भाई लक्ष्मण जी के साथ 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में मनाया जाता है.

दिवाली के समय हम अपने घर की साफ सफाई करते हैं और अपने घर को सजाते हैं, मैं अपनी मम्मी की इन काम में सहायता करता हूँ। अंत मैं, आप सभी को मेरी और से दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं…..सुरक्षित दीवाली मनाएं…!

निष्कर्ष:

पहली एवं दूसरी कक्षा के छात्र के लिए यह निबंध बिलकुल ठीक है, आप अपने बच्चे को ये याद करा के स्कूल में होने वाली प्रतियोगिता के लिए तैयार कर सकते हैं.

Essay on Diwali in Hindi For Class 3, 4, 5

Essay on Diwali in Hindi
Diwali Paragraph in Hindi

बच्चों के लिए दीपावली पर निबंध (200 शब्द)

हमारे देश भारत को त्योहारों की भूमि कहा जाता है, क्योंकि हम कई त्योहार मनाते हैं और इन्हीं पर्वों में से एक खास पर्व है दीपावली.

इसे भगवान राम के 14 साल का वनवास काटकर अपने राज्य में लौटने की खुशी में मनाया जाता है, अपनी खुशी जाहिर करने के लिये अयोध्या वासियों ने इस दिन अपने राज्य को रोशनी से जगमग कर दिया था.

दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानी पंक्ति

इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली का नाम दिया गया है.

दीवाली को रोशनी के उत्सव के रुप में भी जाना जाता है जो कि घर में लक्ष्मी के आने का संकेत हैं.

ऐसी मान्यता है कि इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है।

इस दिन सभी लोग अपने बच्चों, दोस्तों एवं रिश्तेदारों के लिए उपहार, पटाखे, मिठाइयां और नये कपड़े बाजार से खरीदते है.

शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं, और पूजा संपन्न होने पर सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते है साथ ही ईश्वर से जीवन में खुशियों की कामना करते है। अंत में बच्चे पटाखों से दिवाली के पावन उत्सव को संपन्न करते हैं.

इसे भी पढ़े: दिवाली शायरी | दिवाली कविता

10 Lines on Diwali Festival in Hindi

10 Lines on Diwali Festival in Hindi

दीपावली पर 10 लाइनें और पंक्तियां

  1. 👉 दीपावली पर्व हिंदू धर्म के लोगों के लिए अत्यंत धार्मिक एवं उल्लास से परिपूर्ण पर्व है।
  2. 👉भगवान श्री राम के भक्तों के लिए यह सबसे पावन त्योहारों में से एक है। जब वे भगवान श्रीराम को उनके महान कार्यों के लिए सच्चे दिल से ध्यान कर उनका आशीर्वाद लेते हैं।
  3. 👉 बुराई के खिलाफ सच्चाई की जीत के लिए दीपावली पर्व जाना जाता है। भगवान श्री राम ने रावण का वध कर उसके अत्याचारों से प्रजा को मुक्ति दिलाई।
  4. 👉 भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों में अलग अलग धर्मों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
  5. 👉 भगवान श्री राम एवं माता सीता के अलावा दीपावली पर्व में महालक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की भी पूजा अर्चना की जाती है।
  6. 👉 दीपावली की रौनक हर जगह देखने को मिलती है, इसलिए भारत के सभी स्कूल कॉलेज में इस मौके पर तीन चार दिन का अवकाश होता है।
  7. 👉 दीपावली के पर्व में लोग मिठाई, खिक इत्यादि को प्रसाद के रूप में बांटकर एक-दूसरे को इस पर्व की शुभकामनाएं देते हैं।
  8. 👉 दीया मिठाई पटाखे यह सभी इस त्योहार की शान माने जाते हैं।
  9. 👉 इस पर्व पर लोगों द्वारा अपने घरों की साफ-सफाई, मोहल्ले की सफाई एवम् रंग बिरंगी लाइटों से घरों को सजाया जाता है।
  10. 👉 दीपावली से 2 दिन पूर्व धनतेरस होता है इस दिन कोई भी आइटम खरीदना शुभ माना जाता है।

Diwali Speech in Hindi For School Students

Diwali Speech in Hindi For School Students
Diwali Nibandh in Hindi

Essay About Diwali in Hindi (300 Words)

हिन्दू धर्म के लिए दीपावली महत्वपूर्ण त्योहार में से एक त्योहार है। हिन्दू धर्म एक ऐसा धर्म हैं जिसमें कई सारे संस्कार, परंपराएं और सांस्कृतिक की अलग – अलग मान्यताएं हैं.

दिवाली के त्योहार को सिर्फ अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। दिवाली उत्सव से जुड़ी एक पौराणिक कथा बहुत ही चर्चित है.

ऐसी मान्यता हैं कि भगवान राम जी राक्षस रावण पर जीत के साथ ही बुराई पर अच्छाई की विजय की प्राप्ति कर 14 वर्ष पूर्व अपने नगर अयोध्या अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वापस आए थे.

उस दिन कार्तिक महीने की अमावस्या थी जिस कारण पूरा अयोध्या में अंधकार हो रखा था और उसे प्रकाशित करने के लिए अयोध्या वासियों ने दिए जलाए थे.

दियो को पंक्तियाँ से सज़ा कर उन्होने अपने महाराजा का स्वागत किया था और यही कारण हैं कि दीवाली को दीपावली भी कहा जाता था और तब से ही इस दिन हर साल सभी भारतीय प्रकाश पर्व (दीपावली) के रूप में मनाते हैं.

देवी लक्ष्मी के आगमन के लिये और जीवन के हर अंधेरों को दूर करने के लिये आज कल लोग अपने घरों और रास्तों को रोशनी से जगमगा देते है.

हर व्यक्ति के त्योहार को मनाने का अपना भिन्न तरीका होता है और यही कारण है कि इस दौरान सभी मजेदार खेलों का हिस्सा बनकर, स्वादिष्ट व्यंजनों का लुप्त उठा कर और दूसरी कई क्रियाओं में व्यस्त रहकर इस पर्व को मनाते है.

लोग इस पर्व को अपने परिजनों और खास मंत्रों के साथ मनाते है जिसमे वो एक-दूसरे को उपहार, मिठाइयाँ और दीपावली की बधाई देकर मनाते है.

इस खुशी के मौके सभी भगवान की आराधना कर, खेलों के द्वारा, और पटाखों के साथ इस त्योहार को मनाते हैं।

सभी अपनी क्षमता के अनुसार अपने प्रियजनों के लिये नये कपड़े एवं अलग – अलग उपहार खरीदते है। बच्चे खास तौर से इस मौके पर चमकते-दमकते कपड़े पहनते है.

Hindi Essay on Diwali Festival For Class 8, 9, 10

Hindi Essay on Diwali Festival
Essay on Deepavali in Hindi

दीपावली पर निबंध कक्षा 7 से 10 तक के छात्रों के लिए (400 शब्द)

दीपावली एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध उत्सव है जिसे हर साल देश और देश के बाहर अर्थात विदेश में भारतीयों द्वारा मनाया जाता है।

दीपावली के इस त्योहार को भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या वापसी के बाद और लंका के राक्षस राजा रावण को पराजित करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

भगवान राम की वापसी की रात्रि अमावस की रात थी जिस कारण पूरा अयोध्या अंधकार से डूबा हुआ था, भगवान राम के स्वागत के लिये सभी अयोध्या वासियों ने पूरे उत्साह से अपने घरों और रास्तों को पहले अच्छे से साफ किया और उसे फूलों एवं दीप से सजा दिया.

ये एक पावन हिन्दू पर्व है जो बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रुप में मनाया जाता है.

सिक्खों के द्वारा उनके छठवें गुरु श्री हरगोविंद जी के ग्वालियर के जेल से जहाँगीर द्वारा रिहाई की खुशी में भी मनाया जाता है.

दीपावली कब और क्यों मनाई जाती है?

इस पर्व को हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या की रात्रि बहुत ही अँधेरी रात होती है जिसमें दिवाली पर्व रोशनी फैलाने का काम करती है.

वैसे तो इस पर्व को लेकर कई कथाएं चर्चित है लेकिन कहते हैं भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्या वासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था.

इस दिन बाजारों में खास भीड़ रहती है खासतौर से मिठाइयों की दुकानों पर, बच्चों के लिये ये दिन मानो नए कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है.

दिवाली के त्योहार आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और उसके साथ अपने घरों को बिजली की लड़ियों से रोशन कर देते है.

दीपावली उत्सव की तैयारी कैसे करें?

दिवाली के दिन सब बहुत खुश रहते है एक दूसरे को बधाइयां देते है। बच्चे खिलौने और पटाखे खरीदते है, दिवाली के कुछ दिन पहले से ही घर में साफ़ सफाई शुरू हो जाती है। लोग अपने घर का सज-सज्जा करते है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है.

देवी लक्ष्मी जी की पूजा के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते है.

भारत के कुछ जगहों पर दीपावली को नया साल की शुरुआत माना जाता है साथ ही व्यापारी लोग अपने नया बही खाता से शुरुआत करते है.


दीपावली का महत्व पर निबंध | Importance of Diwali Festival in Hindi

युगों युगों से दीपावली पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है, मान्यता है कि जब भगवान राम त्रेतायुग में दुष्ट रावण के घमंड को चूर करके 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे तो उनके आने की खुशी में प्रजा द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर उनका स्वागत किया गया। उस दिन अमावस्या की रात थी चारों तरफ घनघोर अंधेरा था, लेकिन नगर के प्रत्येक कोने कोने में दियों की जगमगाहट से हर कोना नगरी का रोशन हो गया। और तभी से दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है।

इस दिन घर के आसपास, गली मोहल्ले में हर जगह साफ-सफाई देखने को मिलती है। लोगों द्वारा अपने घरों को सजाने के लिए रंग बिरंगी लाइट, घरों में रंगोली बनाई जाती हैं। संध्या के समय भगवान श्री गणेश एवं माता लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना कर उन्हें पसंद किया जाता है। तथा पूजा के पश्चात उनके खील एवं बतासे के प्रसाद को आस पड़ोस में एक दूसरे को बांटकर इस त्यौहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

मान्यता है कि दीपावली में जो श्रद्धालु सच्चे दिल से महालक्ष्मी की पूजा विधि विधान से कर उन्हें याद करते हैं। उनके घर में मां लक्ष्मी विराज करती है जिससे भक्तों को धन-धान्य सुख संपदा प्राप्त होती हैं। इसलिए हिंदुओं के लिए यह पर्व विशेष माना जाता है। यही कारण है कि भारत के हर कोने में इसकी धूमधाम देखी जा सकती है। दीपावली के दिन सुबह से ही पटाखे की आवाज सुनाई देती है और रात में रंग बिरंगे पटाखों से पूरा आसमान गूंज उठता है।

देश के राज्यों में दीपावली किस तरह मनाई जाती है?

भौगोलिक दृष्टि से एवं जनसंख्या के आधार पर देखा जाए तो भारत एक विशाल देश है जिसमें विभिन्न धर्मों के लोग निवास करते हैं। दीपावली का यह पर्व बड़ी धूमधाम से सभी धर्मों द्वारा मनाया जाता है।

पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत में दिवाली

बंगाल, उड़ीसा, बिहार जैसे राज्य भरते के नक्शे में पूर्वी भारत के अंतर्गत आते है। व्यंजनों एवं वेशभूषा के अलावा दीपावली पर्व मनाने का अंदाज उत्तरी भारत की तरह ही होता है। संध्या के समय घर के बाहर दीए जलाने के बाद घरों के द्वार खोल दिए जाते है ताकि महालक्ष्मी घर में विराज मान हो, मान्यता है अंधेरे में मां लक्ष्मी घर में प्रवेश नहीं करती। बिहार और झारखंड में दीपावली के मौके पर पारंपरिक नृत्य और गीत भी यहां देखने को मिलते हैं, यहां धनतेरस के दिन शॉपिंग की जाती है, पश्चिम बंगाल में दिवाली की मध्यरात्रि महाकाली की पूजा की जाती है।

पश्चिम भारत में दीपावली

गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा इत्यादि पश्चिमी भारत में आते हैं। दीपावली के इस पर्व में गुजरात में मां लक्ष्मी की विशेष तौर पर पूजा अर्चना हेतु सभी घरों में देवी मां के चरणों निशान बनाए जाते हैं। घरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है।

वहीं महाराष्ट्र में यह त्यौहार 4 दिनों तक होता है जिसमें पहले दिन वसुर बरस मनाया जाता है जिसमें गाय और बछड़े का पूजन होता है। वही दूसरे दिन धनतेरस, तीसरे दिन नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करने की परंपरा यहां प्रचलित है। एवं चौथे दिन शानदार व्यंजन बनाकर दीपावली पर्व को मनाया जाता है।

दीपावली के मौके पर गोवा में पारंपरिक नृत्य और गीत सुनने को मिलते हैं दीपावली का पर्व 5 दिनों तक होता है।

उत्तर भारत में दीपावली

उत्तर भारत में भारत के कई राज्य जैसे उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब इत्यादि राज्य आते हैं। उत्तर भारत में यह पर्व भगवान श्रीराम और श्री कृष्णा से जुड़ा हुआ है। जिसमें पहला दिन नरक चतुर्दशी भगवान श्री कृष्ण से संबंधित है दूसरे दिन कुबेर देवता एवं भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना की जाती है। तीसरे दिन मां लक्ष्मी एवं भगवान कृष्ण का दिन होता है। चौथा दिन भगवान श्री कृष्ण के गोवर्धन पर्वत से जुड़ा होता है जिस दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और पांचवे दिन भाई दूज मनाया जाता है।

दक्षिण भारत में दिवाली

आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक राज्य दक्षिण भारत में ही आते हैं। अपनी सांस्कृतिक विविधता को समेटे दक्षिण भारत में आज भी दीपावली का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर दीपावली से पूर्व एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का विशेष महत्व है। अन्य राज्यों की सामना दक्षिण भारत में दीपावली का उत्सव 4 दिन का नहीं बल्कि 2 दिनों का होता है। दीपावली के मौके पर यहां दीपक जलाने, रंगोली बनाने, घरों की साफ-सफाई करने के साथ साथ नरक चतुर्दशी के दिन पारंपरिक विधि से स्नान करना महत्वपूर्ण होता है।

दक्षिण भारत में दीपावली मनाने की एक अनोखी परंपरा प्रसिद्ध है। इसे “थलाई दिवाली” के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन नवविवाहित पति को अपनी पत्नी के घर दिवाली मनाने जाना होता है, उनका स्वागत कर धूमधाम से दीपावली पूरे पारंपरिक अंदाज में आज भी दक्षिण भारत में मनाई जाती है।

इस लेख का निष्कर्ष

दीपावली, हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया। कार्तिक माह की अमावस्या की रात्रि को मनाया जाने वाला यह महापर्व, अंधेरी रात को असंख्य दीपों की रौनक से प्रकाशमय कर देता है। दिवाली सभी के लिये एक खास उत्सव है क्योंकि ये लोगों के लिये खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इससे बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ ही नया सत्र की शुरुआत भी होती है।

मैं इस लेख को यही पर समाप्त कर रहा हूँ, यदि इस लेख से सम्बंधित आपको कोई प्रश्न पूछना है तो आप कमेंट बॉक्स का प्रयोग कर सकते हैं और अपने डाउट को क्लियर कर सकते हैं।

Diwali Essay in Hindi के इस लेख को आप अपने भाई, बहन, दोस्त एवं जानकारों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर कर सकते हैं…. अंत में मेरी ओर से आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं…!

चालीसा…!

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