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दीपावली पर निबंध

दीपावली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5 के लिए

प्रिय छात्रों के लिए यहां आपको दीपावली पर निबंध और दिवाली पर पैराग्राफ मिलेंगे जिसका उपयोग आप अपने विद्यालय में कर सके। आज मैं आपके साथ हिन्दुओं का मुख्य और प्रिय त्योहार दीपावली के बारे में कुछ खास चर्चा करने जा रहा हूँ। तो चलिए शुरू करते है।

सबसे पहले जानते है कि आपको इस लेख में क्या-क्या जानने को मिलेगा।

  1. दीपावली शब्द के 4 अलग-अलग अर्थ।
  2. महत्वपूर्ण बातें दीपावली के त्यौहार के बारे में।
  3. दीपावली कब से, कैसे और क्यों मनाते हैं?
  4. आज के समय में दीपावली के त्यौहार को कैसे मनाया जाता है?
  5. दीपावली हिंदुओं के लिए खास त्यौहार क्यों है?
  6. सिक्खों के लिए दीपावली खास त्यौहार क्यों है?
  7. दिवाली में लक्ष्मी पूजन कैसे करें?
  8. दिवाली के गाने
  9. दिवाली पर कविता

👉 दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं सन्देश 👈

दीपावली पर निबंध

Diwali Essay and Images in Hindi Language

Essay on Diwali in Hindi with Headings

दीपावली और दिवाली दोनों एक ही शब्द है, आइये सबसे पहले हम इसका अर्थ जानते हैं।

दिवाली शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों के मेल से बना एक शब्द है।

  • दीप का अर्थ है दिया
  • आवली का अर्थ है पंक्ति या फिर अंग्रेजी में इसे लाइन भी बोलते हैं।

यानी की हम बोल सकते है दीपावली का अर्थ है दिया एक पंक्ति में।

आज कल सभी विद्यालय में प्रार्थना के वक्त इन पंक्तियों का उचारण किया जाता है-

असतो मा सद्गमय ॥ 
तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥

इन शब्दों का अर्थ हैं-

grammarly
  1. (हमको) असत्य से सत्य की ओर ले चलो।
  2. अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो|

दिवाली, दीपावली पर्व का महत्व

जानिये कुछ महत्वपूर्ण बाते दीपावली यानी की रौशनी का त्यौहार दिवाली के बारे में-

जिस तरह से ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्रिसमस, मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए ईद और सिख धर्म के लोगों के लिए बैसाखी बहुत मुख्य त्योहार है। ठीक उसी प्रकार हिन्दुओं के लिए दीपावली बहुत मुख्य त्यौहार है।

  1. » हिंदी कैलेंडर के हिसाब से कार्तिक मास के अमावस की रात को दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है|
  2. » हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
  3. » यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।
  4. » अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से यह अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।
  5. » दीपावली का दीपोत्सव यानी की दीपों का उत्सव भी कहते हैं।

आइये जानते है भारतवर्ष में सबसे ज्यादा धूम धाम से मनाये जाने वाले त्यौहार दीपावली का महत्व

दीपावली के त्यौहार का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। “तमसो मा ज्योतिर्गमय” अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो – दीपावली का त्यौहार इस वाक्य को बिलकुल सही सिद्ध करता है।

दीपावली क्यों मनाते हैं? दिवाली पर निबंध और कहानी (रामायण कथा)

Diwali The Story Of God Ram’s Return

Diwali Story for Kids in Hindi

महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी रामायण में बताया गया है कि भगवन विष्णु के 10 अवतारों में से सातवें अवतार श्री राम चन्द्र जी का है। अयोध्या के राजा श्री दशरथ प्रसाद जी के भगवान श्रीराम सबसे बड़े पुत्र थे। माता केकई के कहने पर पिता दशरथ ने अपने जान से प्यारे सुपुत्र को 14 वर्ष के वनवास की सजा सुना दी। पिता की आज्ञा का पालन करते हुए भगवन राम वनवास के लिए चले गये अपनी पत्नी सीता मैया और अपने भाई लक्षम के साथ।

13 वर्ष 2 माह का वनवास समाप्त होने के बाद पत्नी सीता जी का रावन ने हरण कर उनको अपने देश लंका के अशोक वाटिका में पहुचा दिया। अत्यधिक परिश्रम के बाद भगवन श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण जी, हनुमान संग बन्दर टोली की मदद से लंका पहुचे।

10 दिन के महायुद्ध के बाद भगवन श्री राम ने रावन पर विजय प्राप्त कर लिया और साथ ही उनका 14 वर्ष का वनवास की अवधि भी समाप्त हो गई।

जब भगवान श्री राम, पत्नी सीता मैया और भाई लक्ष्मण के साथ रावन से युद्ध जीत कर अपने देश अयोध्या लौटे तो उस रात अमावास की रात थी। अयोध्या वासियों को पता था की आज उनके राजा भगवान श्री राम अपना वनवास काट कर अपने देश लौट रहे हैं। सभी अयोध्या वासियों ने दिमाग लगाया की वो अपने राजा का स्वागत कैसे करेंगे? तभी उन्होंने पुरे अयोध्या राज्य की साफ सफाई कर, घी के दिए जला कर उनका स्वागत किया।

कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। उसी दिन से कार्तिक माह के अमावास को सभी हिन्दू अपने अपने घरो एव दुकान की साफ सफाई करते है और रात में दिया जलाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, अपने दोस्तों और पड़ोसियों के साथ मिठाई बाट कर त्यौहार मनाते हैं।

भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं।

आज के समय में दीपावली के त्यौहार को कैसे मनाया जाता है?

दीपावली पर्व का महत्व

How do you celebrate Diwali 10 Lines in Hindi

दिवाली विशेष रूप से स्वच्छता और प्रकाश का पर्व है। आज कल तो कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। सब अपने-अपने घरों, दुकानों आदि की साफ़ सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं।

दीपावली के उत्सव पर लोग अपने घरों की मरम्मत, सफेदी आदि का कार्य करवाते हैं।

  • आज कल दिया के साथ-साथ लोग अपने घरो और दुकानों को लड़ियों से दुल्हन के रूप में सजाते हैं।
  • बच्चे पटाखे और फुलझड़ी जलाकर दीपावली का त्यौहार मनाते हैं।
  • कुछ लोग अपने घरों के बाहर रंगोली भी बनाते हैं।
  • लोग इस दिन माता लक्ष्मी जी की विशेष पूजा करते हैं।
  • तरह – तरह के लोग पकवान भी खाते और खिलाते हैं।
  • दीपावली की विशेष कर हर स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में छुट्टी दी जाती है।
  • दिवाली पर विशेष कर अब बोनस भी मिलता है, जिससे हर इन्सान मिठाई और पटाके खरीद सके।
  • दिवाली के उपलक्ष में काफी दुकानों पर तरह-तरह के ब्रांड पर ऑफर्स भी निकले जाते हैं।
  • घर के दुआर पर और मंदिर के पास माता लक्ष्मी के चरण के मोहर लगाते हैं।

ये थे कुछ तरीके जिस वजह के आज कल के लोगों की दिवाली और अच्छी तरह से मनाई जाती है।

दीपावली हिंदुओं के लिए खास त्यौहार क्यों है?

Why we celebrate Diwali Festival in hindi

Why we celebrate Diwali Festival in Hindi

  1. पहली ख़ास वजह ⇒ माना जाता है कि हिंदी कैलेंडर के हिसाब से दिवाली के दिन से नया वर्ष शुरू होता है।
  2. दूसरी खास वजह ⇒ माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी जी सभी कर घर एक बार ज़रूर आती है और जिनका घर उनको भाता है उस घर में धन की वर्षा होती है।

भारत में दिवाली सीजन का मतलब शॉपिंग सीजन है। इन दिनों गाड़ियों, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स और सोने की चीजों पर विशेष छूट दी जाती है इसलिए लोग खुल कर खर्च करते हैं। अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ उपहार का आदान प्रदान भी करते हैं।

दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन सभी लोग आपस के गिले शिकवे दूर कर के एक साथ मिल के सभी चीजों को भुला के त्यौहार का मनोरंजन उठाते हैं। त्यौहार के बहाने की घर की लडकिया और औरतो की खूब सारी शोपिंग हो जाती हैं।

सिक्खों के लिए दीपावली खास त्यौहार क्यों है?

Why Sikh Celebrate Diwali festival in Hindi Language

सिक्खों के लिए दीवाली भी महत्त्वपूर्ण त्योहारों में से एक है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था।

इसके अलावा सिक्खों के लिए दिवाली की खास वजह एक यह भी है कि 1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।

दोस्तों दीपावली को विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं, कहानियों या मिथकों को चिह्नित करने के लिए हिंदू, जैन और सिखों द्वारा मनायी जाती है लेकिन वे सब:-

  • बुराई पर अच्छाई,
  • अंधकार पर प्रकाश,
  • अज्ञान पर ज्ञान और
  • निराशा पर आशा की विजय के दर्शाते हैं।

दिवाली में लक्ष्मी पूजन कैसे करें

दीपावली में घर की साफ सफाई करके उसे सजाना ही काफी नहीं है, असल में यदि आप भक्ति के साथ साथ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करके घर में सुख समृद्धि लाना चाहते हैं, तो आपको माता लक्ष्मी पूजन की सही विधि भी पता होना चाहिए। तो आइए जानते है कैसे आप माँ लक्ष्मी पूजन कर सकते है दीपावली के दिन।

दीपावली में लक्ष्मी पूजन कैसे करें

👉 दीपावली के दिन प्रातः काल उठने के पश्चात स्नान इत्यादि कार्यों से निवृत होकर व्रत का संकल्प ले तथा मंदिर की अच्छे से साफ सफाई कर लें।

👉 अब संध्या के समय पूजा करने के लिए चौकी पर भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें। साथ में पानी से भरा कलश रखे , इसमें थोड़ा सा गंगाजल भी मिला लें।

👉 अब इस जल से भगवान की मूर्तियों में जल छिड़क कर उनका शुद्धीकरण कर लें! और इसी जल को घर के लोगों में भी छिड़क दें।

👉 अब पूजा के लिए सभी सामग्रियां जैसे गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, घी, चंदन, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला पूजा स्थल पर रखें।

👉 पूजा के लिए प्लेट में 11 या 21 दीपक तैयार करें साथ ही एक बड़ा दीपक भी जलाएं।

👉 अब इन सभी सामग्रियों का इस्तेमाल कर विधि विधान के साथ पारंपरिक तरीके से महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी का पूजन शुरू करें। साथ ही मां सरस्वती, विष्णु भगवान एवं कुबेर देव की भी सच्चे मन से आराधना करें।

👉 महालक्ष्मी की बाई ओर घी का दीपक रखें बाकी दीपको को घर के अलग-अलग कोनों में रख दें।

👉 पूजा समाप्त होने के पश्चात कलश में रखे जल को घर के कोने कोने में छिड़क दें। उसके पश्चात रात्रि में जल का अर्ध्य देकर अपना व्रत तोड़ ले। इस तरह आप लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं।

कई स्थानों पर दिवाली के दिन लोगों द्वारा चांदी सोने से निर्मित सामानों की भी पूजा करने की विधि है। और साथ में घरों में सुंदर सुंदर रंगोली बनाकर भी लोगों द्वारा मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है।

दीपावली के दिन झाड़ू का क्या महत्व है?

दीपावली से ठीक 2 दिन पूर्व धनतेरस के दिन बड़ी संख्या में जहां लोग बर्तन, सोना, कोई इलेक्ट्रॉनिक आईटम इत्यादि खरीदते है। वही धनतेरस के दिन लोगों द्वारा झाड़ू भी खरीदा जाता है तो आइए जानते है कि क्या है मान्यता और दीपावली में झाड़ू का क्या महत्व होता है?

भारत में धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा काफी पुरानी है, इसके पीछे की मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है बता दें, धनतेरस के दिन खरीदारी करना बेहद लाभदाई माना जाता है।

धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने पर यह है नियम
  • प्रथम नियम यह कहता है कि जब भी आप झाड़ू खरीद कर घर लाएं तो झाड़ू के हैंडल पर सफेद रंग का कपड़ा बांध लें इससे माना जाता है मां लक्ष्मी घर में निवास में करती हैं।
  • अपने पैरों को झाड़ू पर न लगाएं, विशेषकर धनतेरस से लेकर दीपावली तक झाड़ू में पैर तक नहीं लगना चाहिए।
  • धनतेरस के दिन एक बारी में 1 या 3 झाड़ू खरीदना चाहिए। मतलब सम संख्या में झाड़ू खरीदना शुभ नहीं माना जाता।
  • मान्यता है इस अवसर पर जो व्यक्ति मंदिरों में साफ सफाई हेतु झाड़ू का दान करता है। उनसे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है लेकिन इस झाड़ू को सूर्योदय से पूर्व दान करना लाभदाई माना गया है।
  • देशभर में दीपावली का त्यौहार जश्न के माहौल के साथ बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

कई लोग ऐसे है जो इस पर्व में अच्छे-अच्छे गाने सुनना पसंद करते है तो पेश है दिवाली पर्व के कुछ शानदार गानों की लिस्ट।

दीपावली का गाना
कभी खुशी कभी गम

दिवाली में यह गाना बज जाए तो इससे जश्न दोगुना हो सकता है। वर्ष 2002 में आई फिल्म कभी खुशी कभी गम का जो टाइटल सॉन्ग था उसे दिवाली के समय ही बनाया गया है, इस गाने में जया बच्चन का किरदार आज भी लोगों के जहन में है।

सिलसिला ये चाहत का

वर्ष 2002 में आई एक मूवी जिसका नाम था देवदास। इस फिल्म का सॉन्ग सिलसिला ये चाहत ने भी लोगों के दिलों में राज किया था। अतः बेस्ट दीपावली सोंग्स में इस गाने का नाम भी शामिल है।

इन गानों के अलावा शाहरुख खान की फिल्म कल हो ना हो का Song भी इसी लिस्ट में गिना जाता है।

  1. माही वे
  2. डोला रे डोला
  3. आई है दिवाली सुनो जी घरवाली

जैसे यह सोंग भी दीपावली के जश्न में चार चांद लगाने का काम करते हैं।

दीपावली पर कविता शायरी | Diwali Poem Shayari in Hindi
आओ मिलकर दीप जलाएं
अँधेरा धरा से दूर भगाएं
रह न जाये अँधेरा कहीं
घर का कोई सूना कोना
सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना
हर घर -आँगन में रंगोली सजाएं रखना
आओ मिलकर दीप जलाएं.

हर दिन जीते खुद के लिए
कभी दूसरों के लिए भी तो जी कर देखें
हर दिन अपने लिए रोशनी खोजें
एक दिन दीप सा जगमग होकर देखें
दीप सा हरदम उजियारा फैलाएं
आओ मिलकर दीप जलाएं.

भेदभाव, ऊँच -नीच की दीवार गिराकर
साथ में सब मिलजुल पग बढायें
सेवा का संकल्प लेकर मन में
जहाँ से नफरत की दीवार ढहायें
सर्वहित संकल्प का थाल सजाएँ
आओ मिलकर दीप जलाएं
अँधेरा धरा से दूर भगाएं.

आज का मेरा यह लेख यही समाप्त होता है। आशा है इस लेख में आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गये होंगे। अगर आपको आपके स्कूल में गृहकार्य मिला हो जैसे की दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) तो आप इसमें से कुछ विशेष चीजों को छाट कर लिख सकते है।

यह सभी जानकारी पसंद आने पर इसको लेख को फेसबुक, ट्विटर अथवा व्हाट्सएप्प पर शेयर करना ना भूले और कमेंट के माध्यम से अपने विचार हमारे साथ प्रकट जरूर करें। आप सभी को हिमांशु ग्रेवाल की ओर से दिवाली की ढेर सारी बधाई।

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6 Comments

  1. Himanshu ji mai apka bahut bada fan hu, last 1 sal se apke har ek artical ko read karta hu. Maine apke blog se inspair hokar ek hindi informatnal website banai hai. hihindi.com ek baar sir ap mere blog ka review jarur kare

  2. Bahut hi acha post hai aur issko padne ke baad har kisi ko diwali ki puri information mil jayegi me is post ko jarur share karungi.

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