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भाई दूज की कथा, कहानी एवम निबंध

भाई दूज 2017 – कथा, कहानी एवम निबंध – कैसे मनाये भैया दूज का यह त्यौहार!

नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका आपकी अपनी वेबसाइट HimanshuGrewal.com पर 🙂 |आज हम विशेष चर्चा करेंगे भाई बहन का मुख्य त्यौहार भाई दूज के बारे में| तो चलिए शुरू करते हैं.

मित्रो यह त्यौहार सभी भाई बहन बहुत उल्लास के साथ मनाते है, लेकिन शायद कुछ को ही इसको मनाने के पीछे की वजह पता होगी|

अगर आपको भी नहीं पता की भैया दूज का त्यौहार क्यों मनाया जाता है तो आप इस लेख को पूरा पढ़े-

चर्चा जो आज हम इस विषय में करेंगे|

  1. भाई दूज 2017
  2. कैसे बनाये भाई दूज का त्यौहार?
  3. भाई दूज कब से मनाया जाता है?
  4. भाई दूज की कहानी|
  5. भाई दूज के त्यौहार का महत्व|

Information About Bhai Dooj Festival in Hindi

हिन्दू धरम में भाई और बहन के दो मुक्य त्यौहार है पहला रक्षाबंधन जो की सावन माह में मनाया जाता है और दूसरा भाई दूज जो की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है.

भाई-बहन के इस त्यौहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है|

यम द्वितीया नाम क्यों पड़ा? इसके पीछे की वजह जानने के लिए आपको भाई दूज की कथा पढ़नी होगी|

भाई दूज 2017 में कब मनाया जायेगा?

Bhai dooj date 2017 : 21 अक्टूबर

हिन्दू धरम के सबसे प्रमुख त्यौहार दीपावली के ठीक दो दिन बाद भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है|

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कैसे बनाये भाई दूज का त्यौहार

सभी बहनें पीढ़ियों पर चावल के घोल से चौक बनाती हैं| इस चौक पर अपने भाई को बैठा कर बहनें उनके हाथों की पूजा करती हैं|

भाईदूज के दिन हर बहन रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक करती है| अपने भाई के उज्ज्वल भविष्य के लिए उसको आशीष देती हैं|

भाई अपनी ख़ुशी से बहन को कुछ उपहार या दक्षिणा देता है| एवं बहनें अपने भाईयो की खुशहाली के लिए भगवान से कामना करती हैं|

भाई दूज कब से मनाया जाता है| (कथा) – Bhai Dooj Story in Hindi

प्राचीन काल में यम देवता ने अपनी प्यारी बहन यमी (यमुना) को कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन मिलने आये थे, उनकी बहन यमी बहुत समय से यम यानी अपने भाई से मिलने के लिए व्याकुल थी.

अपने घर में अपने भाई यम के आने पर यमुना ने बहुत खुश हो के मन से उसकी खातिरदारी की|

भाई यम ने खुश होकर उसे वरदान दिया कि अगर आज के दिन भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेंगे तो उनको मुक्ति मिलेगी|

उसी दिन से यमुना नदी में भाई-बहन को एक साथ स्नान करने का बड़ा महत्व है|

इसके अलावा यमी ने अपने भाई से यह भी वचन लिया कि जिस प्रकार आज के दिन उसका भाई यम उसके घर आया है, ठीक उसी प्रकार हर भाई अपनी बहन के घर जाए और अपनी बहन के साथ बैठे और बात करे.

उसी दिन से आज भी भाईदूज मनाने की प्रथा चली आ रही है|

जिन भाइयो की बहनें दूर रहती हैं, वे भाई समय निकाल के अपनी बहनों से मिलने भाईदूज पर अवश्य जाते हैं और उनसे तिलक लगवा कर उन्हें उपहार देते हैं.

जिस दिन भाई यम अपनी बहन के साथ यमुना नदी में नहाये और उनको अपनी बहन द्वारा मांगे गये वचन दिया उसी दिन से भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है|

यम अपनी बहन से कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मिलने गये थे इसलिए इसको भाई दूज के अलावा यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है|

भाई दूज की कहानी जानने के बाद अब मै इस लेख के अंत में आपके साथ भाई दूज के त्यौहार का महत्व बताना चाहूंगी-

भाई दूज का महत्व (भाई बहन का त्यौहार)

हर त्यौहार के पीछे अपनी एक वजह और उनके अलग अलग महत्व होते हैं| कथा के अनुसार, यमी यमराज की बहन हैं जिनसे यमराज काफी प्रेम व स्नेह रखते हैं.

भाई अपनी बहन के घर जा के उनसे मिलते हैं और उनके हाथ से बने भोजन घ्रहण करते हैं| भाई खुश हो के उनको वरदान देते हैं|

इस कथा के अनुसार आज भी परम्परागत तौर पर भाई अपने बहन के घर जाकर उनके हाथों से बने भोजन करते हैं ताकि उनकी आयु बढ़े और उनको यमलोक ना जाना पड़े.

भाई भी अपने प्रेम व स्नेह को प्रकट करते हुए बहन को आशीर्वाद देते है और उन्हें वस्त्र, आभूषण एवं अन्य उपहार देकर प्रसन्न करते हैं|

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दोस्तों आज का ये लेख भाई बहन का त्यौहार भाई दूज यही समाप्त होता है| आशा है यहाँ आपको विशेष जानकारी मिली होगी|

आप चाहे को इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं, ताकि उन्हें भी भाई दूज के पीछे की कहानी का पता चले| आप सभी को हिमांशु ग्रेवाल की ओर से भाई दूज की ढेर सारी शुभकामनाएं!

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