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Data in Hindi

Data क्या है ? (पूरी जानकारी हिंदी में)

What is Data in Hindi (Data क्या है) ?

आज के इस लेख के माध्यम से मैं आपको बताऊँगा कि कंप्यूटर के दुनिया में डाटा क्या होता है, यदि आप जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़े.

Data एक ऐसा शब्द है जिसे हम आम तो नहीं बोल सकते हैं लेकिन हाँ इसका प्रयोग आपने अपनी ज़िंदगी में कई बार ज़रूर किया होगा.

सिर्फ कंप्यूटर जगत में ही नहीं बल्कि डाटा शब्द का प्रयोग हम किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हम उससे पहले जो जानकारी इकट्ठी करते हैं उसको भी बोलते हैं.

इसके साथ – साथ किसी मरीज के पुराने रिपोर्ट को Data Word से बोल कर पुकारा जा सकता है, बच्चे के रिपोर्ट को डाटा कहा जाता है, किसी देश की आबादी के बारे में जानकारी निकालने के लिए भी हम डाटा शब्द का प्रयोग करते हैं.

अभी जो मैं उदाहरण लिए वो सही तरीके से organized या structured नहीं होते हैं, इस वजह से इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है.

लेकिन वही अगर डाटा को organized या structured तरीके से present किया जाए तो वो वह Information कहलाता है.

तो यह था छोटा सा इंट्रो सेक्शन, चलिये अब हम विस्तार में जानते हैं कि डाटा क्या है?

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What is Data in Hindi (डाटा क्या है)

Electronic machine या फिर किसी भी व्यक्ति के लिए जब आकड़ों को कुछ इस तरह से represent किया जाता है ताकि communication, interpretation या processing करने में आसानी हो तो उन आकड़ों को Data कहा जाता है.

डाटा को characters के मदद से represent किया जाता है, जैसे Alphabet (a-z, A-Z), digit (0-9) या किसी special characters (@,./’;!@#$%*=) इत्यादि से.

यह डाटा कुछ भी हो सकता है जैसे कोई character, text, numbers, pictures, sound, video etc. वही अगर डाटा को कोई context में डाला नहीं जाएगा तो इसका कोई काम नहीं होता है, फिर चाहे वो काम किसी इंसान के लिए हो या फिर कोई कंप्यूटर (machine) के लिए हो.

डाटा यदि row form में है तो वो किसी भी काम का नहीं होता है, लेकिन यदि उसी डाटा को जब हम process और interpret करते हैं तब जा कर वो सही मतलब से सामने आता है और जो कि हमारे लिए बहुत उपयोगी होते हैं.

हम आपको बताना चाहेंगे की इन्ही processed data को information भी कहा जाता है.

चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि डाटा को किस तरीके से आप present कर सकते हैं?

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Difference Between Analog and Digital Data in Hindi

Difference Between Analog and Digital Data in Hindi

  • Information About Analog Data in Hindi

यह मुख्य तौर पर दो ही प्रकार से निश्चित हैं- analog & digital.

Analog Data प्राय तौर पर continuous होते हैं। ये analogous होते हैं उनके actual facts के प्रति जिन्हे की ये represent करते हैं.

  • Information About Digital Data in Hindi

वही डिजिटल डाटा बहुत ही discrete होते हैं और उन्हे limited number of elements में तोड़ा नहीं जा सकता हैं.

उदाहरण के तौर पर आप Analog में नेचर यानि प्रकृति और डिजिटल में कंप्यूटर को समझ सकते हैं.

हमारे प्राकृतिक दुनिया में चीजे कंटिन्यूस होती है, उदाहरण के लिए आप इंद्रधनुष के रंग को देख सकते हैं, क्योंकि वह भी continuous होते हैं और infinite number के shades को प्रदान करता है.

वही computer system में वो continuous तो होते हैं लेकिन finite भी होते हैं, वो सभी डाटा जिन्हे की आप binary digits में स्टोर करते हैं, इनमें ये Limit की कितने डाटा को represent किया जा सकता है.

एनालॉग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर में क्या अंतर है ?

एनालॉग कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर
अर्थ : भौतिक मात्रा की मदद से संख्याओं का प्रतिनिधित्व करने में एनालॉग कंप्यूटर इसमें मदद करती है, कहना का मतलब यह है कि एनालॉग कंप्यूटर भौतिक रूप से कुछ भौतिक प्रॉपर्टी जैसे तापमान, वोल्टेज इत्यादि को मापकर संख्याएँ प्रदान करते हैं।
संख्या के रूप में डेटा का प्रतिनिधित्व करने के लिए डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग होता है।
प्रोसेस : एनालॉग कंप्यूटर का एक काम यह भी है कि वे एनालॉग सिग्नल को प्रोसेस भी करते है जो प्रकृति में निरंतर होते हैं।
जिस तरह एनालॉग कंप्यूटर सिग्नल को प्रोसेस करता है ठीक उसी तरह डिजिटल कंप्यूटर भी डिजिटल सिग्नल को प्रोसेस करते हैं असतत रूप (discrete form) में होते हैं।
सटीक : इसमें डाटा स्टोर करने की क्षमता लिमिटिड ही होती है।
ये कंप्यूटर कई दशमलव स्थानों तक अत्यधिक सटीक होते हैं।
उपयुक्त : इसमें सबसे खास बात यह है कि ये वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग एप्लीकेशन काफी ज्यादा उपयुक्त हैं।
यह व्यावसायिक डेटा एप्लीकेशन के लिए बहुत उपयुक्त हैं।
मेमोरी : एनालॉग कंप्यूटर में मेमोरी कम होती है।
डिजिटल कंप्यूटर में मेमोरी अधिक होती हैं|

Types of Data in Hindi

डाटा के प्रकार : हमारा Computer System अलग अलग डिजिटल डाटा के साथ कार्य को पूरा करता है, यदि हम कुछ समय पहले की बात को करे तो डाटा सिर्फ टेक्स्ट या नंबर में computing होते थे.

लेकिन आज के समय में बहुत बदलाव आ गया है, आज के समय में डाटा को कई तरीकों से computing किया जाता है जैसे ऑडियो, इमेज, ग्राफिक्स या फिर विडियो.

लेकिन इन सभी प्रकार के डाटा को computer में binary digits के हिसाब से ही स्टोर किया जाता है, वही कुछ डाटा टाइप के लिए कुछ specific techniques भी होती है.

What is Database in Hindi

डेटाबेस क्या है : जब डाटा को सही तरीके से structure में रख कर organize किया जाता है तो उसको डेटाबेस कहा जाता है। डाटा को present करने का एक common तरीका है जिसका नाम Database Table है.

इस टेबल में मुख्य रूप से Rows और Columns होते हैं, प्रत्येक Rows को एक record कहा जाता है, वही प्रत्येक columns को field का नाम दिया गया है.

यदि आप डेटाबेस के बारे में डिटेल में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं क्यूंकि मैंने इस विषय पर पहले ही लेख लिखा हुआ है.

चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं, और जानते हैं कि डाटा के एक महत्वपूर्ण हिस्सा जिसका नाम इनफार्मेशन है वो असल में क्या होता है?

What is Information in Hindi

इनफार्मेशन क्या है : Information हम उस डाटा को बोलते हैं जो कि किसी भी फॉर्म में हो सकता है और इसका मीनिंग होना अतिआवश्यक है क्योंकि ये किसी के माध्यम से किसी तक पहुचती है और मीनिंग होने से इंसान उस इनफार्मेशन को जल्दी और अच्छे तरीके से समझ सकेगा.

जहाँ डाटा हम कच्चे raw facts को बोलते हैं वही information processed data को कहा जाता है।

उदाहरण के लिए किसी क्लास के छात्र के सब्जेक्ट मार्क्स, रोल नंबर, उम्र, रंक इत्यादि को डाटा कहा जा सकता है.

वही अगर आपको कहा जाए कि उन छात्रों में से बेस्ट 5 छात्रों के Maths के मार्क्स को लाया जाये तब आपको उन छात्रों के सभी डाटा को categorize करना होगा और फिर उसे प्रोसेस कर ही आप मांगे गए डाटा को प्रदान कर सकते हैं.

यही तो डाटा आप result के तौर पर पाते उसे ही Information कहा जाता है.

Information बहुत ही organized और classified data होता है, जिसकी receiver के लिए कुछ मीनिंग value होती है.

Information एक प्रकार का processed data होता है जिसके ऊपर decision और actions based होता है.

डाटा को meaningful बनाने के लिए उस डाटा के कुछ characteristics का होना अतिआवश्यक है, जैसे कि-

  1. Timely » Information हर समय उपस्थित रहे, जब जब उसकी ज़रूरत हो|
  2. Accuracy » Information हमेशा सही और accurate होना चाहिए|
  3. Completeness » Information हमेशा पूरी होनी चाहिए|

यदि किसी भी processed data में ये सभी characteristics होते हैं तब उन्हें ही असल में इनफार्मेशन कहा जाता है.

डाटा कैसे स्टोर किया जाता है?

डाटा या फिर इनफार्मेशन को कंप्यूटर में स्टोर करने के लिए हार्ड ड्राइव या फिर किसी दूसरे स्टोरेज डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है.

डाटा जो कि कंप्यूटर मेमोरी/स्टोरेज में स्टोर किया जाता है, उन्हे मुख्य रूप से दो हिस्सों में categorized किया जाता है जो इस प्रकार है-

  1. Permanent Storage (Hard Disk / Hard Drive)
  2. Temporary Storage (RAM – Random Access memory)

इसमे मुख्य अंतर सिर्फ इतना है कि Power failure के केस में permanent storage data को retain करता है, यह आपके डाटा को तब तक retain करता है जब तक कि आप खुद डाटा को delete ना कर दें.

वही जब पावर फेलियर होता है तो temporary memory data तुरंत ही गुम यानि समाप्त हो जाता है, इसे कंप्यूटर के cpu के माध्यम से खुद ही मैनेज किया जाता है.

Computer Application में प्रक्रिया को करने के लिए temporary memory का इस्तेमाल किया जाता है, और जब प्रक्रिया सम्पूर्ण हो जाती है तो इसका इस्तेमाल दूसरे नए प्रोसेस को पूरा करने के लिए किया जाता है.

इसका इस्तेमाल खास तौर से temporary फ़ाइल को स्टोर करने के लिए किया जाता है.

ज़्यादातर references के तौर से कंप्यूटर नंबर ऑफ bites का इस्तेमाल एक माप के तरह करता है, कंप्यूटर की मेमोरी (प्राइमरी स्टोरेज) capacity और स्टोरेज (सकेण्डरी) capacity को लेकर|

Computer memory को partitioned (divided in small parts – छोटे छोटे हिस्सो में बाटना) किया जाता है, बहुत सारे number of data containers में जिन्हे की memory cell कहते हैं|

सभी सेल एक specific amount of data को ही स्टोर कर सकते हैं जिन्हे की word कहा जाता है और सभी सेल में एक associated location identifier होता है जिसे की एड्रेस कहते हैं.

किसी भी कंप्यूटर मेमोरी की स्टोरेज जाने के लिए उनके दो पहलू पर गौर किया जाता है, जो कि है – number of bits per cell and number of cells जिसमे मेमोरी को partitioned किया जाता है.

उदाहरण के लिए कंप्यूटर मेमोरी डिपेंड करता है कितने bites प्रत्येक सेल में स्टोर हैम और कितने सेल अवेलेबल हैं|

Computer के दुनिया के हिसाब से sequence of 8 – bits (जिसे की byte भी कहते हैं), यही basic unit of memory होती है.

Units for measuring memory (Data Storage) Capacity

1 Bit : 1 Binary Digit
4 Bits : 1 Nibble
8 Bits : 1 Byte
210 = 1024 Bytes : 1 Kilobyte
220 = 1024 Kilobyte : 1 Megabyte
230 = 1024 Megabyte : 1 Gigabyte
240 = 1024 Gigabyte : 1 Terabyte
250 = 1024 Terabyte : 1 Petabyte
Types of Data in Hindi (डाटा के प्रकार)

अब मैं आपको थोड़ी बहुत जानकारी डाटा के बारे में बताऊंगा.

यदि प्रोग्रामिंग की बात करें तो डाटा टाइप (data type) को हम कह सकते हैं की, यह एक तरह का क्लासिफिकेशन होता है.

कहने का अर्थ है कि यह एक तरह का डिविजन करता है जो कि ये specify करता है कि किस तरह की value एक variable के पास है और कौन से प्रकार के mathematical, relational or logical operations उनपर अप्लाई किया जाए ताकि कोई error ना आए.

उदाहरण की बात करे तो string एक ऐसा डाटा टाइप है जिसका इस्तेमाल टेक्स्ट को क्लासिफाइड करने के लिए किया जाता है, वही एक integer ऐसा डाटा टाइप है जिसका इस्तेमाल whole numbers को classify करने के लिए किया जाता है.

Data Type Where it is used Example
Boolean To represent Logical Values True False
Character For encoding the text numerically 97 (in ASCII 97 is a lower case ‘a’)
Float (Floating Point) Number having decimal point 9.15 5.03 0.125
Integers Whole Number 74 124 99009
String Alphanumeric Characters Hello world ram gopal123

आइये अब इनके अलावा जो मुख्य प्रकार के डाटा होते हैं उनके बारे में भी एक बार बात कर ली जाए.

  • संख्यात्मक : (Numerical Data)

0-9 तक की संख्या को इस्तेमाल कर computer numerical data को तैयार करता है, और यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला एक प्रकार का डाटा है.

  • अक्षर : (Alphabetic Data)

हिन्दी (क, ख, ग) तथा इंग्लिश (a,b,c) दोनों के वर्णमाला इसी Alphabetic Data के अंतर्गत आते हैं.

  • चिन्हात्मक : (Alpha Numeric Data)

नाम से ज्ञात हो रहा है कि इसमे चिन्ह जैसे @,#, $ का डाटा बनाने में प्रयोग किया जाता है.

  • ऑडियो डाटा | ध्वनि : (Audio Data)

कोई गाना या कोई और Recording जो कि mp3 format में हो उसका इस्तेमाल कर इस तरह के डाटा को बनाया जाता है.

  • वीडियो डाटा : (Video Data)

कोई गाना या कोई और video Recording जो कि mp4 format में हो उसका इस्तेमाल कर इस तरह के डाटा को बनाया जाता है.

  • ग्राफिकल डाटा : (Graphical Data)

इस तरह के डाटा के अंतर्गत इमेज, पिक्चर, ग्राफिकल डाटा इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है| जैसे कि – JPG, PNG Format.

What is Data Processing in Hindi

डाटा प्रोसेसिंग क्या है : यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे row data को meaningful information में तब्दील किया जाता है.

डाटा में बदलाव लाया जाता है जिससे कि वो रिजल्ट उत्पन्न करे बिना किसी समस्या के…

एक प्रोडक्शन प्रोसेस के भांति ही यह भी एक साइकिल का पालन कर अपने कार्य को सम्पूर्ण करता है| तो आइए अब हम इसके स्टेज के बारे में जानते हैं.

  • Input

इस स्टेप में प्रोसेसिंग करने हेतु डाटा को एक convenient form में तैयार किया जाता है.

उदाहरण के लिए : जब Electronic Computers का इस्तेमाल किया जाता है, तब Input Data को किसी एक मौजूदा medium में स्टोर किया जाता है जैसे कि magnetic disks, tapes etc.

  • Processing

इस स्टेप में इनपुट डाटा को produce data में बदला जाता है जो कि ज्यादा useful form होता है.

उदाहरण के लिए : किसी कंपनी में सेल्स की summary calculate करने के लिए सेल्स ऑर्डर को देखा जाता है.

  • Output

इस स्टेप में, इसके पूर्व के प्रोसेसिंग स्टेप के रिजल्ट को कलेक्ट किया जाता है.

जैसे कोई Output data है उसका जो particular form है यह उसके ऊपर निर्भर करता है कि कैसे और किस प्रकार उस डाटा को इस्तेमाल में लाया जाए.

अगर मैं उदाहरण के तौर पर समझाऊ तो आउटपुट डाटा में employees के pay-checks भी हो सकते हैं.

आइये अब हम Data Processing के Basic Stages को विस्तार में समझते हैं-

1. Input

इस प्रक्रिया में डाटा को कलेक्ट कर के computer में या फिर पेपर पर लिख कर भी स्टोर किया जाता है.

चलिए अब हम input के दूसरे process को समझते हैं.

  • Collection

इस शब्द का हिन्दी अर्थ है इकठ्ठा करना, जब आप अलग – अलग सोर्स से डाटा को कलेक्ट करते हैं तो उसके पीछे भी आपको कई प्रणालियों से हो कर गुजरना होता है.

उदाहरण : यदि आपको जानना है कि एक शहर के कितने प्रतिशत बच्चों के इंग्लिश विषय में 50% से कम अंक हैं तो उसके लिए आपको उस शहर के हर स्कूल की लिस्ट बनानी पड़ेगी और फिर आपको प्रत्येक स्कूल में जाकर बच्चों की मार्कशीट देखनी होगी.

  • Verification

शब्द से ही ज्ञात हो रहा है कि इस स्टेप में आपने जो data collect किया है उसको चेक किया जाता है कि कलेक्ट किया हुआ डाटा सही है या नहीं.

  • Coding

इस स्टेप में row data को computer language जो कि coding है उसमे उसे तब्दील किया जाता है, जिससे की computer input data को आगे आसानी से process कर सके.

  • Storing

अब input process के इस आखिरी प्रक्रिया में हमने जो डाटा कंप्यूटर के excel or word में सेव किया है, उस डाटा को कंप्यूटर में स्टोर किया जाता है जिसके लिए स्टोरेज डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है.

2. Processing

इस शब्द से आपको ज्ञात हो रहा होगा कि जब Information बनाने की प्रक्रिया आरंभ होती है तो उसको प्रोसेसिंग कहा जाता है.

इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुछ technique का इस्तेमाल किया जाता है, तो चलिए जानते हैं उन प्रक्रिया को.

  • Classification

इस प्रक्रिया में डाटा को category और sub-category में बाटा जाता है, जिससे डाटा को समझने में आसानी होती है.

  • Shorting

यहाँ पर डाटा को एक proper ऑर्डर में arrange किया जाता है, जिससे डाटा को समझने में आसानी होती है.

Shorting order कुछ भी हो सकता है ascending or descending.

  • Calculation

इस प्रक्रिया में दिए गए डाटा के ऊपर कोई arithmetic operation को perform किया जाता है, इन ऑपरेशन में कुछ भी तरीके से कैलकुलेशन हो सकता है जैसे – sum, average, percentage.

  • Summarising

इनपुट डाटा के ऊपर दिए गए सारे operation perform करने के बाद एक summarized report को produce किया जाता है.

ऐसा इसलिए क्यूंकि इसमे समय की बचत होती है.

3. Output

जब प्रोसेसिंग के सभी स्टेप खत्म हो जाते हैं, तब output result प्राप्त होता है जिसे जानकारी कह सकते हैं.

इस प्रक्रिया का एक ही मकसद होता है सटीक रिजल्ट निकाल कर यूजर को देना, और ज़्यादातर समय output information को किसी storage device में स्टोर किया जाता है| जैसे कि Hard drive, pen drive, CD, DVD.

  • Retrieval

जब चाहे भविष्य में, output result को storage मीडिया से retrieve किया जा सकता है.

उदाहरण के तौर पर आप समझ सकते है कि यदि किसी विद्यार्थी जो कि अब अपने कोर्स के आखिरी पड़ाव पर है लेकिन यदि उसे अपने पहले या दूसरे सेमेस्टर का रिजल्ट चेक करना है तो वो कर सकता है और इसी को Retrieval कहा जाता है.

  • Conversion

जब आप आउटपुट रिजल्ट को अलग – अलग तरीकों से प्रेजेंट करते हैं तो उसको Conversion कहा जाता है| जैसे – Graph, Flow chart, Chart, Table, Diagram, Report.

  • Communication

डाटा के process होने के बाद output का निकलना आवश्यक है क्योंकि इससे उस डाटा को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुंचाया जा सकता हैं| जैसे – अखबार के मदद से, social media की मदद से इत्यादि.

Methods of Data Processing in Hindi

जब तक डाटा को बेस्ट (best) नहीं बनाएँगे वो वेस्ट (waste) होता है, और डाटा को अच्छा बना कर प्रेजेंट करने के लिए आपको डाटा processing के कई step से होकर गुजरना होता है.

यदि आपके पास जो डाटा है वो पेंसिल और पेपर के फॉर्मेट है तो उसको तो मिटा कर के भी ठीक या अपडेट कर सकते हैं, लेकिन आज 21वी सदी में हर चीज़ में Technology का इस्तेमाल अनिवार्य हो गया है.

तो चलिए अब हम data processing method के बारे में डिटेल में जानते हैं.

  • Batch Processing

यह data processing का सबसे simple form है, यह सबसे ज्यादा उपयोगी तब होता है जब किसी organization के large volume of data होते हैं और उन्हे एक या दो categories में clump (एक जगह में) किया जा सकता है.

उदाहरण की बात की जाये तो एक स्टोर में, batch-process के मदद से transactions को एक जगह में categorize किया जा सकता है|

अगर कोई इनफार्मेशन को बदला ना जाए तब बैच-प्रोसेसिंग बहुत ही फास्ट होता है.

  • Real Time Processing

कुछ batch-processing इतने ज्यादा भी फास्ट नहीं होते है, real time processing methods data को handle करते है जब इन्हे instant turn-around time की ज़रूरत होती है.

उदाहरण : यदि कोई इंसान किसी भी चीज की टिकट ऑनलाइन बुक करता है जैसे कि मूवी, होटल, फ्लाइट या ट्रेन और यदि किसी कारण उस टिकट को कैंसिल कर दिया जाए तो उसके इनचार्ज को तुरंत ही अपने सिस्टम को अपडेट किया जाता है.

  • Data Mining

इसमे data multiple source और pools से लिया जाता है और उन्हे combine कर correlations की तलाश करता है.

उदाहरण की बात की जाए तो एक grocery chain को कस्टमर के खरीद को analyse करना होता है और ये खोजना होता है कि customer जो की अनाज खरीदते है, अक्सर उसके बाद वो केले ही खरीदते है.

  • Statistical Processing

इसमे heavy number – crunching होती है, एक कंपनी जिनको पता है की वो सप्ताह के एक दिन में थोड़ा ज्यादा व्यस्त होते है| ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बहुत से customers आखिरी समय में ही अपने request देते है इसलिए ऐसे समस्या अक्सर होते हैं.

कारण का पता होने से कंपनी ऐसे प्रॉब्लम से निपट सकते हैं.

Difference Between Data and Information in Hindi
Comparison (Basis) Data Information
Meaning यहाँ डाटा Raw fact में होता है और यह uncategorized होते हैं, जिसका कोई उद्देश्य नहीं होता है| यहाँ पर Facts को processing करने के बाद इस्तेमाल में लाया जाता है|
Definition ये सिर्फ टेक्स्ट या नंबर में ही उपलब्ध होंगे| ये refined data होता है|
Based on what Record and observation Analysis
Form Unorganized Organized
Useful Never Always
Specific No Yes
Dependency Depend on information बिना डाटा के इनफार्मेशन को प्रोसेस नहीं किया जाता है|
Conclusion

तो दोस्तों इस लेख में आपने जाना कि डाटा क्या है (What is Data in Hindi), यदि आपको कोई डाउट है तो आप नीचे दिये गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के अपना डाउट क्लियर कर सकते हैं.

इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद, आप चाहे तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर कर उन्हे भी डाटा के रियल कांसेप्ट से रूबरू करा सकते हैं.

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